किसी के बहकावे में न आवें, कृषि कानून किसानों के हित में : चौधरी लक्ष्मीनारायण
- एक दिवसीय किसान मेला गोष्ठी का पशुधन मंत्री ने किया दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ मथुरा, 16 जनवरी(हि.स.)। सम्भागीय कृषि परीक्षण एवं प्रदर्शन केन्द्र, राया के द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत आयोजित एक दिवसीय किसान मेला एवं कृषि गोष्ठी का शुभारंभ शनिवार दोपहर कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने किया और कृषकों को संबोधित करते हुए कहा कि नए कृषि कानून किसानों के हित में है, किसी की बातों के बहकावे में न आएं। भारत सरकार द्वारा लागू किये गये तीनों कृषि बिल किसानों के लिए अत्यन्त लाभकारी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि देश या प्रदेश में पूर्व से लागू कृषि एवं कृषि बाजार से संबंधित किसी भी कानून में कोई कटौती नहीं की गई है बल्कि किसान हित के कुछ नये प्राविधान जोडे़ गये हैं ताकि किसान की आय में वृद्धि हो सके तथा उसकी बिचैलियों पर निर्भरता समाप्त हो सके। प्रदेश के पशुधन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा अब किसान नये कानूनों के अन्तर्गत अपने उत्पादों को न केवल एपीएमसी मण्डी में बल्कि उसके बाहर भी स्वतंत्र बेच सकता है। पहले किसान को मण्डी के बाहर बेचना अनुमन्य नहीं था। उन्होंने कहा किसान अपने उत्पाद को न केवल प्रदेश बल्कि प्रदेश के बाहर भी बेच सकेगा। जिसके फलस्वरूप उसे अपने उत्पाद का प्रति स्पर्धी मूल्य प्राप्त होगा तथा उसकी आय में निश्चित रूप से वृद्धि होगी। उन्होंने यह भी बताया कि अब स्टॉक सीमा से से प्रतिबन्ध हटाने के फलस्वरूप वह किसान जिनके पास भण्डारण के पर्याप्त सुविधा व अवसर उपलब्ध है वह भी बिना किसी प्रतिबन्ध के अपने उत्पाद को भण्डारित कर ऐसे समय पर बिक्री कर सकते हैं जब उत्पाद का बाजार अब उन्हें बेहतर मिले। कैबिनेट मंत्री ने किया न्यूनतम समर्थन मूल्य के बिषय में किसानों के भ्रम को दूर उन्होंने कहा कि भारत सरकार स्पष्ट रूप से आश्वस्त कर चुकी है तथा लिखित रूप से भी आश्वासन देने को तैयार है। एमएसपी की व्यवस्था यथावत जारी रहेगी तथा समय-समय पर सरकार की नीती के अनुरूप तथा किसानों के हित में एमएसपी वृद्धि जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि अगर किसान को मण्डी के बाहर एमएसपी से अधिक दर प्राप्त होती है तो वह बिना किसी अड़चन या बाधा के आगे उत्पाद बेचकर लाभ लेने के लिए स्वतंत्र है। नये कानूनों के जितने भी अतिरिक्त प्राविधान किये गये हैं उनमें से कोई भी बाध्यकारी नहीं है किसान अपनी सुविधा व लाभ अर्जन के लिए उनका प्रयोग कर सकता है अथवा पूर्ण व्यवस्था के अन्तर्गत यथावत बना रह सकता है। उन्होंने किसानों से पुरजोर अपील की कि वह इन नियमों को ध्यान से समझे तथा अधिक से अधिक लाभ उठायें। हिन्दुस्थान समाचार/महेश/राजेश-hindusthansamachar.in