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मेंटल हेल्थकेयर एक्ट के प्रावधानों को लागू करने की मांग वाली याचिका का निस्तारण

नई दिल्ली, 05 फरवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार ने आज दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि उसने मेंटल हेल्थकेयर एक्ट के तहत मेंटल हेल्थ इस्टेब्लिश्मेंट को अलग-अलग वर्गों के लिए न्यूनतम मानक की अधिसूचना जारी कर दी है। केंद्र सरकार की इस दलील के बाद चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका का निस्तारण कर दिया। याचिका वकील गौरव बंसल ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए 12 अक्टूबर 2020 को निर्देश दिया था कि मेंटल हेल्थकेयर एक्ट के प्रावधानों को लागू करें। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद इन प्रावधानों को नोटिफाई नहीं किया गया। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा था कि केंद्र जल्द ही मेंटल हेल्थकेयर एक्ट के प्रावधानों को नोटिफाई करेगी। याचिका में मेंटल हेल्थकेयर एक्ट की धारा 65(6) को लागू करने का दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई थी। मेंटल हेल्थकेयर एक्ट की धारा 65(6) के मुताबिक मेंटल हेल्थ इस्टेब्लिश्मेंट को अलग-अलग वर्गों के लिए न्यूनतम मानक अधिसूचित करना चाहिए। याचिका में कहा गया था कि ये एक्ट 2017 में लागू किया गया और कहा गया कि 18 महीने के अंदर अलग-अलग वर्गों के लिए न्यूनतम मानक अधिसूचित किए जाएं, लेकिन अभी तक अधिसूचित नहीं किए गए। याचिका में कहा गया था कि मेंटल हेल्थ इस्टेब्लिश्मेंट का मतलब है कि कोई भी हेल्थ इस्टेब्लिश्मेंट चाहे वह आयुर्वेदिक, योगा और होम्योपैथी से ही जुड़ा हुआ क्यों न हो, अगर वह पूर्ण या आंशिक रूप से मानसिक बीमारियों का इलाज करता है तो वह मेंटल हेल्थ इस्टेब्लिश्मेंट कहा जाएगा लेकिन मेंटल हेल्थ इस्टेब्लिश्मेंट में रिहायशी इलाका नहीं गिना जाएगा। मेंटल हेल्थ इस्टेब्लिश्मेंट मानसिक रूप से बीमार लोगों का ठीक से इलाज नहीं कर रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ संजय-hindusthansamachar.in

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