झेलम रिवर फ्रंट और जल परिवहन का विकास कार्य जोरों पर
श्रीनगर/नई दिल्ली, 15 फरवरी (आईएएनएस)। श्रीनगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड परियोजना के तहत झेलम रिवर फ्रंट और जल परिवहन का विकास कार्य जोरों पर है। इस स्मार्ट सिटी बैनर के तहत सभी प्रमुख विभाग उद्यानिकी, शहरी और सामाजिक वानिकी, पर्यटन, हस्तशिल्प और हथकरघा तथा उद्योग विशेषज्ञ परियोजना को समयबद्ध एवं प्रभावी तरीके से पूरा करने के लिए सहयोग कर रहे हैं। झेलम या वितास्ता कश्मीर के सार का प्रतिबिंब है जो 2,500 से अधिक वर्षों से कश्मीरी संस्कृति का एक पवित्र धागा है। इसी माह की शुरूआत में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने साबरमती रिवरफ्रंट की तर्ज पर झेलम रिवरफ्रंट विकास की आधारशिला रखी थी, जिससे इसके आसपास का वातावरण पारिस्थितिकीय रूप से पर्यटन केंद्रों में परिवर्तित होने की संभावना है। श्रीनगर में पूर्व का वेनिस होने के कारण वितास्ता को मास्टर प्लान 2035 के अनुसार एक केंद्रीय आकर्षण के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। इसके ऐतिहासिक 7 पुलों और 26 घाटों को उसी आधार पर रूपांतरित किया जाएगा जैसा प्राचीन काल में किया जाता था। नदी के दोनों किनारों पर बने घाटों से पानी और नदी में जहाजों का परिवहन सुचारू रूप से हो सकेगा। छत्ताबल में हर समय जलस्तर बनाए रखने के लिए एक यांत्रिक प्रणाली लगाई जाएगी। घाटों को सांस्कृतिक और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए एक मिलन स्थल के रूप में देखा जा रहा है। वे छोटी दुकानों, कला, शिल्प, चाय और छोटे व्यंजनों, स्थानीय बैंड संगीत,और सभी उम्र के लोगों के लिए एक स्थान पर कार्य करने की सुविधा प्रदान करेंगे। रिवरफ्रंट की लागत 75 करोड़ रुपये है और श्रीनगर स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत रिवरफ्रंट परियोजना जल शक्ति विभाग के अधिकार में है। पहले चरण में आधुनिक सार्वजनिक उपयोगिताओं और अधिकतम हरे भरे स्थानों के साथ निर्माण कार्य पर ध्यान दिया जाएगा। लोगों को खरीदारी का उपयुक्त अनुभव प्रदान करने के लिए पैदल मार्ग के रूप में पोलो व्यू रोड के पुनर्निर्माण का भी उपराज्यपाल ने आह्वान किया, जिसकी अनुमानित गतिविधि 5.3 करोड़ रुपये है। यह क्षेत्र बैठने की जगह, रोशनी, निगरानी,बेहतर जल निकासी और वाईफाई क्षेत्र की सुविधा प्रदान करेगा। आसपास के प्रतिष्ठानों को रिवरफ्रंट के सौंदर्यशास्त्र के अनुकूल बनाया जाएगा। निशात और शालीमार बाग के रास्ते फुटपाथ का पुनर्निर्माण, पुलों और इमारतों की रोशनी पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसी आधार पर कई शहर-ए-खास विकासात्मक परियोजनाएं भी पूरी होने के लिए तैयार हैं। अपने झागदार सफेद पानी के लिए प्रसिद्ध ऐतिहासिक दूध गंगा जैसे जल चैनलों को पहले जैसा रूप दिया जाना इसकी सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। इसमें बाजारों और गलियों का उन्नयन, नालमार रोड, बरारी नंबल, तीर्थों और धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार, यारीकंद सराय का विकास ,अमर निवास का संग्रहालय के रूप में संरक्षण शामिल है। समावेशी यातायात नियंत्रण प्रणाली (एटीसीएस) की परियोजना 12.76 करोड़ रुपये अनुमानित है। शहर में बर्फ पिघलने के बाद डल झील की सफाई, गाद हटाने और सीवेज निपटान परियोजना भी जल्द ही शुरू हो जाएगी और इस साल जून तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। इस केन्द्र शासित प्रदेश ने नवंबर 2021 में 1,27,605 पर्यटकों के आने की एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। बुनियादी ढांचे और स्थिर राजनीतिक माहौल से लोगों को अच्छा महसूस हो रहा है। धार्मिक और विरासत स्थलों, ऐतिहासिक और पवित्र स्थलों, और शिल्प तथा लोक कला संबंधी परियोजना भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पूरी करेगा। केंद्र शासित प्रदेश के नागरिकों ने लगभग विलुप्त हो चुके पारंपरिक हस्तशिल्प और हथकरघा को मजबूत करने और पुनर्जीवित करने की सामूहिक जिम्मेदारी ली है। नया कश्मीर ढांचे के तहत प्रधान मंत्री की विभिन्न पहलों के साथ, नि: शुल्क कौशल प्रशिक्षण, उद्यमियों (विशेषकर महिलाओं) को ब्याज मुक्त ऋण, और ऐसे शिल्प के लिए स्वयं सहायता समूह स्थापित किए गए हैं जो बेहतर काम कर रहे हैं। पिछले वर्षों में केन्द्र शासित प्रदेश प्रशासन में शहरों को बेहतर बनाने के लिए एक व्यवस्थित प्रयास का अभाव था और राज्यपाल ने ऐसी लंबित परियोजनाओं की बागडोर संभालने का फैसला किया है। यह शहरी सेवाओं, बुनियादी ढांचे और शहरों को पारिस्थितिक रूप से टिकाऊ, आर्थिक रूप से उत्पादक एवं सामाजिक रूप से न्यायसंगत बना देगा। यह भौतिक और आर्थिक परिवर्तन निश्चित रूप से व्यवसायों को फलने-फूलने के लिए एक उपयुक्त वातावरण प्रदान करेगा। स्मार्ट सिटी परियोजना में, निवासियों को ऐसे शहरी कायाकल्प कार्यक्रमों की भागीदारी में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए शामिल किया गया है। श्रीनगर शहर में सभी विकास कार्य इसकी संस्कृति और परंपरा की भावना में होंगे। श्रीनगर नगर निगम द्वारा विभिन्न तकनीकी क्रियाकलापों और सार्वजनिक सेवा वितरण पर ध्यान केंद्रित करने के साथ आज घाटी में बदलाव देखा जा सकता है। प्रतिकूल मौसम से निपटने और इसके कारण होने वाली किसी भी तरह की समस्या को दूर करने के लिए भारी मशीनें जैसे व्हीकल माउंटेड मैनहोल डिसिल्टिंग मशीन और स्नो क्लीयरेंस मशीन हर समय तैयार हैं। सार्वजनिक स्थानों पर भित्तिचित्र जैसी आधुनिक कला और शहर भर में आजादी की अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में दीवार पेंटिंग श्रीनगर में नई सुबह का आगाज कर रही है। केन्द्र सरकार रोजगार और विकास के लिए एक अत्यधिक आत्मनिर्भर मॉडल का निर्माण कर रही है। सरकार शिकायतों और फीडबैक पर एक स्पष्ट नीति के साथ आगे आ रही है। अनुच्छेद 370 की बाधाओं को हटाए जाने के बाद से दो वर्षों में जम्मू-कश्मीर प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहा है। --आईएएनएस जेके