एनएबीएल और आईसीएमआर प्रमाणित लैब में कोरोना टेस्ट की मांग, केन्द्र और दिल्ली सरकार को नोटिस
नई दिल्ली, 18 मई (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना के सभी टेस्ट नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड ऑफ टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल) और आईसीएमआर से मान्यता प्राप्त लैब में ही कराने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 30 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। याचिका बिजॉन कुमार मिश्रा ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील शशांक सुधी देव ने कहा कि दिल्ली के पैथोलॉजिकल लैब सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली सरकार ये सुनिश्चित करे कि कोरोना से जुड़े सभी सैंपल योग्य लैब टेक्नीशियन के जरिये एकत्र किए जाएं ताकि मरीजों के स्वास्थ्य की सुरक्षा हो सके। याचिका में मांग की गई है कि कोरोना का फर्जी टेस्ट धड़ल्ले से जारी किया जा रहा है। इन फर्जी रिपोर्ट्स के आधार पर मरीजों का इलाज भी गलत तरीके से किया जा रहा है। याचिका में मांग की गई है कि फर्जी रिपोर्ट जारी करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या का मुकदमा चलाया जाए। फर्जी रिपोर्ट पर अंकुश लगाने के लिए एक नोडल अफसर की नियुक्ति की मांग की गई है ताकि आम लोग अपनी शिकायत दर्ज करा सकें। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में बहुत सारे पैथोलॉजिकल लेबोरेटरी बिना रजिस्ट्रेशन या संबद्धता के चल रहे हैं। इसकी वजह से फर्जी और गलत रिपोर्ट जारी होते हैं और इसका खामियाजा आखिरकार मरीजों को भुगतना पड़ता है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि कोरोना के टेस्ट एनएबीएल या आईसीएमआर से मान्यता प्राप्त लैब ही कर सकते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ संजय/ वीरेन्द्र