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100 बरस का हुआ दिल्ली विवि, शताब्दी टिकट और वेबसाइट बताएगी कहानी

नई दिल्ली, 1 मई (आईएएनएस)। दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक मई को अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूरे कर लिए। विश्वविद्यालय के 100 वर्ष पूर्ण होने पर बीते 100 वर्षों की यादों और यात्रा को खास तरीके से सजाया गया है। विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूरे होने पर खास आयोजन किया। आयोजन में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति दर्ज की गई। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थापना एक मई 1922 को हुई थी। दिल्ली विश्वविद्यालय एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है। देशभर में 45 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं। देशभर के अन्य विश्वविद्यालयों व सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से दिल्ली विश्वविद्यालय सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। 100 वर्ष पूरे होने पर दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी दिवस पर स्मारक शताब्दी टिकट, सौ रुपये मूल्य का स्मारक सिक्का, स्मारक शताब्दी खंड विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक यात्रा, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा हासिल किए गए ऐतिहासिक स्थलों व इसकी उपलब्धियों का एक विवरण भी दिखाया जा रहा है। वहीं शताब्दी दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शरीक हुए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने विश्वविद्यालय की शताब्दी वेबसाइट भी लॉन्च की। दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह वेबसाइट स्मृति लेन में एक डिजिटल यात्रा के रूप में काम करेगी। दिल्ली विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में इस वर्ष 1,73,541 डिजिटल डिग्रियां प्रदान की गईं थी। यह पहला अवसर है जब किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में डिजिटल डिग्रियां दी गईं। दिल्ली विश्वविद्यालय के मुताबिक इस वर्ष जो कुल डिग्रियां तैयार की गईं उनमें 77,563 रेगुलर कॉलेजों के छात्र हैं। इनमें अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट दोनों ही पाठ्यक्रमों के छात्र शामिल हैं। रेगुलर छात्रों के अलावा एसओएल में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के 91,850 छात्र और पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के 1126 छात्र शामिल हैं। गौरतलब है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों समेत सहित देश भर के सभी विश्वविद्यालय अब डीजी लॉकर में रखे सर्टिफिकेट के जरिए छात्रों को दाखिला देंगे। देशभर में कोरोना के मौजूदा हालात और छात्रों की सुविधा को देखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने डीजी लॉकर में रखी डिग्री को मान्यता दी है। इस संबंध में यूजीसी ने देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए आवश्यक निर्देश भी जारी किया है। इसके साथ ही दाखिले का पारंपरिक तरीका भी मान्य रहेगा। वहीं एक अन्य महत्वपूर्ण कदम के अंतर्गत दिल्ली विश्वविद्यालय ने अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क 2022 (यूजीसीएफ) को भी पारित कर चुका है। एनईपी 2020 द्वारा सुझाए गए सुधारों के आधार पर अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क को नए सत्र के लिए मंजूरी दी गई है। यूजीसीएफ, अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) में सुझाए गए सुधारों को लागू करने का एक तरीका। --आईएएनएस जीसीबी/एसकेपी

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