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दिल्ली: प्राइवेट स्कूलों को पात्र अल्पसंख्यक छात्रों की फीस रिफंड करने का निर्देश

नई दिल्ली, 17 मई (आईएएनएस)। दिल्ली के सभी प्राइवेट स्कूलों को पात्र अल्पसंख्यक छात्रों की ट्यूशन फीस रीफंड करनी होगी। दिल्ली सरकार ने इससे संबंधित प्रक्रिया जल्द पूरी करने का निर्देश दिया है। दिल्ली के शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किए गए इस निर्देश में कहा गया है कि प्राइवेट स्कूल पात्र अल्पसंख्यक छात्रों की फीस लौटाने के लिए ऑनलाइन वेरिफिकेशन करें। प्राइवेट स्कूलों को इस संबंध में ऑनलाइन ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल अपडेट करने के लिए कहा गया है। यह योजना कम आय वाले परिवारों से संबंधित छात्रों पर लागू होती है। दिल्ली सरकार की इस योजना के तहत कक्षा 1 से 12 तक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक व अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को ट्यूशन फीस वापसी की गारंटी दी जाती है। यह योजना तय मानदंडों पर आधारित कम आय वाले परिवारों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए है। शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों को भेजे गए अपने निर्देश में कहा है कि इससे संबंधित प्रक्रिया में विलंब के कारण दिल्ली सरकार के योजना एवं छात्रों को उससे मिलने वाले लाभ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में शिक्षा अधिकारियों को भी निर्देश जारी किए हैं। निदेशालय ने अपने निर्देश में शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि वे वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए अल्पसंख्यक छात्रों की ट्यूशन फीस रीफंड की प्रक्रिया पूरी कराना सुनिश्चित करें। शिक्षा निदेशालय के मुताबिक तय अवधि के भीतर यह प्रक्रिया पूरी न करने वाले प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्राइवेट स्कूलों को इस संबंध में किए गए कार्यों की जानकारी शिक्षा अधिकारियों को मुहैया करानी होगी। स्कूल बकायदा इस संबंध में एक प्रमाण पत्र शिक्षा अधिकारियों को सौंपेंगे। अधिकारियों को स्कूलों से प्रमाणपत्रों की हार्ड कॉपी लेने का निर्देश दिया गया है। दिल्ली सरकार के मुताबिक ये नियम साल 2020-21 और 2021-22 के दौरान वसूली गई फीस पर लागू होगा। शिक्षा निदेशालय का कहना है कि कई स्कूलों ने समय रहते यह प्रक्रिया पूरी नहीं की। इसकी जानकारी मिलने के उपरांत यह कदम उठाए गए हैं। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार का कहना है कि उन्होंने अधिकांश प्राइवेट स्कूलों पर फीस बढ़ाने को लेकर सख्त अंकुश लगाया है। इसका उद्देश्य भी यही है कि छात्रों को कम दर पर अच्छी शिक्षा मुहैया कराई जा सके। राज्य सरकार का कहना है कि कई ऐसे स्कूल भी हैं, जिन्होंने फीस मनमाने ढंग से बढ़ाई लेकिन उन्हें नोटिस भेजकर बढ़ाई हुई फीस वापस लेने का दबाव बनाया गया। वहीं इससे कई प्राइवेट स्कूलों को फीस में 15 प्रतिशत तक की कटौती करने का निर्देश दिया गया था। --आईएएनएस जीसीबी/एएनएम

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