deendayal-upadhyay-research-chair-in-15-universities-of-up
deendayal-upadhyay-research-chair-in-15-universities-of-up

यूपी के 15 विश्वविद्यालयों में दीनदयाल उपाध्याय रिसर्च चेयर

लखनऊ, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने अनुसंधान सुविधाओं को बढ़ाने और सांस्कृतिक विरासत के तत्वों को युवाओं के मन में बिठाने के दोहरे उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए शिक्षा प्रणाली में कुछ गुणात्मक परिवर्तन किए हैं। विश्वविद्यालयों में अनुसंधान सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कई पहल की गई हैं और इनमें 15 राज्य विश्वविद्यालयों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय अनुसंधान पीठ की स्थापना की गई है। उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं और लोक कला के प्रचार-प्रसार के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी बनकर तैयार हो गया है। सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, राज्य सरकार ने शिक्षा के आधुनिक और समकालीन पहलुओं, आयामों, प्रक्रियाओं के अनुरूप अनुसंधान को आगे बढ़ाया है। इससे छात्रों को वर्तमान रुझानों के साथ तालमेल बिठाने और भविष्य की योजनाओं की दिशा निर्धारित करने में मदद मिली है। लखनऊ विश्वविद्यालय में भाऊराव देवरस अनुसंधान पीठ, अटल सुशासन पीठ और महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय रोजगार पीठ भी स्थापित की गई है। इसी प्रकार दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर में चौरी-चौरा अध्ययन केन्द्र स्थापित किया गया। भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए जिलों में भाषा केंद्र स्थापित किए गए हैं। सरकार ने नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए एक स्टार्ट-अप नीति की भी घोषणा की। राज्य सरकार ने भी शिक्षकों की आवश्यकता को पूरा किया और पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान बड़ी संख्या में भर्तियां कीं। इस अवधि के दौरान तकनीकी शिक्षा विभाग में 1,25,987 प्राथमिक शिक्षक, 14,436 माध्यमिक, 4,988 उच्च शिक्षा और 365 शिक्षकों की भर्ती की गई है। --आईएएनएस एसएस/आरजेएस

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in