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कोरोना की दवाओं को आवश्यक वस्तुओं के रूप में अधिसूचित किया जाए: बघेल

- मुख्यमंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को लिखा पत्र रायपुर, 29 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना संक्रमण के उपचार में आने वाली दवाओं को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अधिसूचित करने के सम्बंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि देश के बाकी प्रदेशों की तरह छत्तीसगढ़ में भी कोविड-19 की दूसरी लहर में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में 25 अप्रैल तक 6,52,362 मामले दर्ज किए गए हैं। भारत सरकार ने इससे पहले भी कोविड-19 से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए 2 और 3 प्लाई के सर्जिकल मास्क, एन-95 मास्क एवं हैंड सेनेटाइजर को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत 13 मार्च, 2020 को अधिसूचित किया था जिससे महामारी की पहली लहर से निपटने में सहयोग मिला था। प्रदेश में बढ़ते कोविड-19 संक्रमण के मद्देनजर रेमेडिसिविर इंजेक्शन, आइवरमेक्टिन टैबलेट्स, एनोक्सापारिन इंजेक्शन, डेक्सामेथासोन टैबलेट एवं इंजेक्शन, टोसीलीजुमब इंजेक्शन और फेविपिराविर कैप्सूल की मांग बढ़ गयी है। इन औषधियों की बढ़ती मांग के कारण इनकी जमाखोरी एवं काला बाजारी की शिकायतें भी लगातार मिल रही हैं जिसकी वजह से मरीजों के उपचार में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार ने औषधियों की काला बाजारी रोकने के कई निर्णायक कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से अनुरोध किया है कि कोविड-19 महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त औषधियों को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत आवश्यक वस्तुओं के रूप में तत्काल अधिसूचित किया जाए। इससे प्रशासन को काला बाजारी रोकने तथा गुणवत्ता एवं आपूर्ति सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी। हिन्दुस्थान समाचार/केशव/सुनीत

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