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कांग्रेस का हरियाणा संकट : हुड्डा और अन्य के बीच किसको चुने?

नई दिल्ली, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। कांग्रेस अपनी हरियाणा इकाई को सुव्यवस्थित करने को लेकर असमंजस में है, जहां राज्य में शीर्ष पद के लिए पार्टी के कई दावेदार हैं। सूत्रों ने बताया कि दो बार के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा राज्य के ढांचे में बदलाव पर जोर दे रहे हैं और शनिवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। एक दिन बाद रविवार को, हरियाणा के एक और शीर्ष नेता, कुलदीप बिश्नोई ने प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की। सूत्रों ने कहा कि पार्टी को राज्य में जाट और गैर जाट के बीच चुनाव करना है। हुड्डा जहां पार्टी के राज्य प्रमुख पद के लिए जोर दे रहे हैं, वहीं कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता का पद गैर-जाट के पास जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि हुड्डा चाहते हैं कि उनका एक करीबी विधायक सीएलपी बने। हालांकि, पार्टी नहीं चाहती कि दोनों पद एक ही समुदाय को जाएं और ऐसे में कुलदीप बिश्नोई राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता बन सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक राज्य इकाई में बिश्नोई को अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है, जहां उन्हें राज्य में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए एक दावेदार के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन विपक्ष के नेता के तौर पर हुड्डा को रिप्लेस कर सकते हैं। कुमारी शैलजा के स्थान पर हुड्डा को अगले हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में देखा जा रहा है। दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हुड्डा 1996 से 2001 तक प्रदेश पार्टी अध्यक्ष भी रहे। सूत्रों ने संकेत दिया कि कांग्रेस आलाकमान ने हरियाणा इकाई के नेताओं को सभी चुनौतियों का एकजुट होकर सामना करने की सलाह दी है। 2019 के राज्य विधानसभा चुनावों में, भाजपा 90 सदस्यीय सदन में 40 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, जबकि कांग्रेस को 31 सीटें मिलीं। दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) को 10 सीटें मिली थीं। इसके कारण, भाजपा और कांग्रेस दोनों ने निर्दलीय और जेजेपी को चुनाव के बाद गठबंधन के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन भाजपा सफल रही और सरकार बनाई। --आईएएनएस आरएचए/एएनएम

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