रूठों की मान-मनौव्वल के लिए मंगलवार को दोबारा बुलाई कांग्रेस विधायक दल की बैठक
जयपुर, 13 जुलाई (हि. स.)। राजस्थान की गहलोत सरकार पर आया सियासी संकट अभी दूर नहीं हो पाया है। कांग्रेस के थिंक टैंक ने सोमवार को बैठक में विधायकों का मूड परखने के बाद मंगलवार को दोबारा विधायक दल की बैठक बुलाई हैं। सोनिया गांधी के विशेष दूत बनकर जयपुर आए रणदीप सुरजेवाला ने विधायकों के बाडाबंदी वाले निजी होटल में देर शाम पत्रकारों को इसकी जानकारी दी। उन्होंने सरकार से नाराज चल रहे उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत अन्य समर्थित विधायकों से बैठक में आने का आग्रह किया। सुरजेवाला ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सभी से शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसी तरह का कोई मनमुटाव है तो पार्टी अध्यक्ष और आलाकमान से बात कर सकते हैं। पायलट प्रदेश में पार्टी प्रभारी अविनाश पांडे के सामने अपनी बात रख सकते हैं। पायलट जयपुर आने का समय भी बता सकते हैं। बैठक में उनका इंतजार रहेगा। उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस को 109 विधायकों का समर्थन है। पायलट खेमा जता रहा नाराजगी उप मुख्यमंत्री पायलट विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच कर रही एसओजी का नोटिस मिलने के बाद से नाराज हैं। उन्हें कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों का समर्थन है। सवेरे मुख्यमंत्री निवास पर हुई विधायक दल की बैठक में जो विधायक शामिल नहीं हुए, उनमें राकेश पारीक, मुरारी लाल मीणा, जीआर खटाना, इंद्राज गुर्जर, गजेंद्र सिंह शक्तावत, हरीश मीणा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, भंवर लाल शर्मा, इंदिरा मीणा, विजेंद्र ओला, हेमाराम चौधरी, पीआर मीणा, रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह, रामनिवास गावडिय़ा, मुकेश भाकर और सुरेश मोदी शामिल हैं। रविवार शाम डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने दावा किया था कि 30 कांग्रेस विधायक उनके समर्थन में हैं और राज्य की गहलोत सरकार अल्पमत में है। इसके साथ पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मनमुटाव को भी स्पष्ट कर दिया। यह है गणित दो सौ सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं। सरकार को 13 में से 10 निर्दलीय और एक राष्ट्रीय लोकदल के विधायक का भी समर्थन हासिल है। ऐसे में गहलोत के पास 118 विधायकों का समर्थन है। भाजपा के पास समर्थित दल समेत 75 विधायक हैं। उसे बहुमत जुटाने के लिए कम से कम 26 विधायक चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संंदीप-hindusthansamachar.in