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कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट के चीनी शिक्षकों ने छोड़ा पाकिस्तान

कराची, 16 मई (आईएएनएस)। कराची विश्वविद्यालय के कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट में पढ़ाने वाले चीनी प्रशिक्षक अपने देश रवाना हो गए हैं। विभाग के निदेशक ने इसकी जानकारी दी है। निदेशक डॉ नासिर उद्दीन ने रविवार को जियो न्यूज को बताया कि चीन ने सिर्फ कराची विश्वविद्यालय ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट के शिक्षकों को वापस बुला लिया है। निदेशक ने आश्वासन दिया कि इंस्टीट्यूट बंद नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी शिक्षकों को मंदारिन पढाने में मदद करने के लिए कहा जा रहा है। जियो न्यूज ने बताया कि नासिर ने कहा कि संस्थान ऑनलाइन कक्षाएं और परीक्षा आयोजित करने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में इंस्टीट्यूट में कम से कम 500 छात्र पढ़ रहे हैं। कराची विश्वविद्यालय में कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट संयुक्त रूप से 2013 में सिचुआन नॉर्मल यूनिवर्सिटी द्वारा स्थापित किया गया था। यह एक गैर-लाभकारी शैक्षणिक संस्थान है जिसका उद्देश्य मंदारिन पढ़ाना, भाषा और चीनी संस्कृति की अंतरराष्ट्रीय समझ को गहरा करना और चीन और पाकिस्तान के बीच लोगों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। इंस्टीट्यूट हाल ही में तीन चीनी शिक्षकों सहित चार लोगों के मारे जाने के बाद चर्चा में था। चार अन्य 26 अप्रैल को अपने परिसर में एक आत्मघाती विस्फोट में घायल हो गए थे। आतंकवाद निरोधी विभाग (सीटीडी) के अनुसार, यह हमला एक बुर्का पहनी महिला द्वारा किया गया एक आत्मघाती विस्फोट था। विस्फोट दोपहर 1:52 बजे संस्थान के बाहर हुआ। मृत चीनी नागरिकों की पहचान कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट के निदेशक हुआंग गुइपिंग, दिंग मुपेंग, चेन साई और उनके पाकिस्तानी ड्राइवर खालिद के रूप में की गई है। एक प्रतिबंधित संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। सुरक्षा एजेंसियों ने विस्फोट में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए अभियान शुरू कर दिया है लेकिन अभी तक उन्हें कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है। --आईएएनएस एसकेके

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