भूमि आवंटन मामले में मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को सुप्रीम कोर्ट से राहत

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नई दिल्ली, 05 अप्रैल (हि.स.)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को अंतरिम राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने 26 एकड़ सरकारी जमीन निजी हाथों को सौंपने के मामले में मुकदमे पर रोक लगा दी है। पिछली 27 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा और पूर्व उद्योग मंत्री मुरुगेशपाल्या निरानी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने दोनों के खिलाफ दायर आपराधिक शिकायत के मामले को फिर से चलाने की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान येदियुरप्पा की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद जब एक बार मामले में संज्ञान ले लिया गया तो मुख्यमंत्री के खिलाफ वारंट जारी किया जा सकता है। तब कोर्ट ने कहा था कि वे मुख्यमंत्री हैं, उनके खिलाफ कौन वारंट जारी करेगा। येदियुरप्पा और निरानी के खिलाफ 2011 में निजी निवेशक को 26 एकड़ भूमि आवंटित करने के मामले में शिकायत की गई है। पाश स्पेश इंटरनेशनल लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर आलम पाशा ने आरोप लगाया था कि वह ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट में शामिल हुआ था और 600 करोड़ रुपये के हाउसिंग प्रोजेक्ट का प्रस्ताव दिया था। इसके लिए उसे जून 2010 में 26 एकड़ भूमि आवंटित की गई थी, लेकिन ये आवंटन मार्च 2011 में रद्द कर दिया गया था। आलम की शिकायत पर ये मामला 2012 में लोकायुक्त पुलिस को रेफर किया गया और 2013 में चार्जशीट दाखिल की गई। इस केस को इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि पुलिस को येदियुरप्पा के खिलाफ मामला चलाने के लिए जरूरी अनुमति नहीं मिली। जब येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद से हटे तो उनके खिलाफ शिकायत फिर से खोलने के लिए याचिका दायर की गई। हिन्दुस्थान समाचार/ संजय/ पवन/मुकुंद

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