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गौरी लंकेश के हत्यारोपित के खिलाफ ककोका रद्द करने के हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

नई दिल्ली, 29 जून (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में आरोपित मोहन नायक के खिलाफ कर्नाटक कंट्रोल ऑफ आर्गेनाइज्ड क्राइम्स एक्ट (ककोका) का आरोप निरस्त करने के कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश की याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील हुफेजा अहमदी और अपर्णा भट ने कहा कि आरोपित मोहन नायक इस मामले का छठा नंबर आरोपित है। वह हाईकोर्ट के ककोका का आरोप निरस्त करने के फैसले के आधार पर जमानत की मांग कर रहा है। तब कोर्ट ने कहा कि नायक की जमानत याचिका पर कोर्ट हाईकोर्ट के फैसले से प्रभावित हुए बिना फैसला करे। गौरी लंकेश की हत्या 5 सितंबर, 2017 को बेंगलुरु में उनके घर के बाहर कर दी गई थी। इस मामले की जांच एसआईटी ने की थी । जांच में पाया गया था कि इस घटना के तार संगठित गिरोह से जुड़े हुए हैं, जो ककोका के दायरे में आते हैं। जांच में पाया गया था कि मोहन नायक ने इस घटना के आरोपितों को पनाह देने का काम किया था और वो गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त रहा था। उसके बाद मोहन नायक के खिलाफ ककोका लगाते हुए पूरक चार्जशीट दाखिल की गई थी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने पिछले 22 अप्रैल को मोहन नायक के खिलाफ ककोका लगाने के बेंगलुरु पुलिस आयुक्त के आदेश को निरस्त कर दिया था। कर्नाटक हाईकोर्ट के इसी फैसले को कविता लंकेश ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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