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केंद्र सिविल सेवा वार्षिक स्वास्थ्य रिपोर्ट प्रकाशित करेगा

नई दिल्ली, 27 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय क्षमता निर्माण आयोग इस साल के अंत में सिविल सेवा वार्षिक स्वास्थ्य रिपोर्ट (एएचसीएसआर) का प्रकाशन करेगा, जिसमें भारतीय सिविल सेवा के कामकाज और मिशन कर्मयोगी के प्रदर्शन पर गहराई से विचार किया जाएगा। केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सुशासन की अवधारणा भारत के लिए विदेशी नहीं है और देश के प्राचीन साहित्य में भी मिलती है। इसे लोगों की सेवा करने और प्रशासन में संकट और चुनौतियों पर काबू पाने के आदर्श राज्य को प्राप्त करने के लिए एक व्यापक मार्ग के रूप में देखा गया है। उन्होंने कहा कि एक आदर्श लोक प्रशासन को सुशासन देने के लिए प्रतिस्पर्धी, कुशल, लागत प्रभावी और जवाबदेह होना चाहिए। क्षमता निर्माण लेंस से सिविल सेवा सुधारों के इतिहास का पुनरीक्षण विषय पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा: हमारे प्राचीन साहित्य में, सुशासन की नींव धर्म (धार्मिकता) पर आधारित है। जो धर्म का अभ्यास करता है, वह मूल्यों के वर्तमान भौतिकवादी भंडार से खुद को अलग रखता है। उन्होंने कहा, एक सिविल सेवक के लिए धर्म के मार्ग पर चलने और अच्छे कर्म के साथ उसका समर्थन करने से प्रशासनिक उत्कृष्टता प्राप्त होगी। भारत में लोक प्रशासन पर सबसे पहले के कार्यो को वेदों, बौद्ध साहित्य और जैन विहित कार्यो जैसे विभिन्न पवित्र ग्रंथों में चित्रित किया गया है। सरकारी अधिकारियों को आज कम संसाधनों के साथ बेहतर सेवाएं देने के लिए बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें अन्य चीजों के अलावा, क्षमता निर्माण में निवेश की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, नए भारत के लिए सिविल सेवकों को इन निरंतर और विकसित परिवर्तनों के साथ तालमेल रखने की जरूरत है। मंत्री ने आशा व्यक्त की कि मिशन कर्मयोगी लगातार वितरण को बढ़ाने और बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण सहायक होगा और समय के साथ प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता करने में सक्षम होगा। वर्चुअल तौर पर आयोजित कार्यक्रम राउंडटेबल की मेजबानी क्षमता निर्माण आयोग और अशंक देसाई सेंटर फॉर लीडरशिप एंड ऑर्गनाइजेशन डेवलपमेंट, आईआईएम-अहमदाबाद ने की। --आईएएनएस एसजीके

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