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ब्लैक फंगस की दवा एम्फोटेरिसिन के बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें केंद्र: हाईकोर्ट

नई दिल्ली, 28 मई (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो ब्लैक फंगस की दवाई एम्फोटेरिसिन की दो लाख तीस हजार खुराक के बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे, जिन्हें विदेश से मंगवाया जा रहा है। जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को ये आदेश जारी किया। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वकील राहुल मेहरा ने कहा कि केंद्र सरकार एम्फोटेरेसिन बी का आवंटन आनुपातिक आधार पर करती है। आज एक हजार बीस इंजेक्शन दिल्ली को मिले हैं जबकि आज ब्लैक फंगस के एक्टिव केसों की संख्या 411 है। इसमें जो पहले आएगा, उसे मिलेगा और बाकी मरीजों को नहीं मिल पाएगा। तब कोर्ट ने कहा कि इस पर नीतिगत फैसले लेने की जरुरत है, इसे अस्पतालों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है। केंद्र सरकार की ओर से एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि ब्लैक फंगस के लिए दूसरी दवाएं भी हैं। डॉक्टर वही दवा कह रहे हैं जो जरूरी है। तब मेहरा ने कहा कि हां। मेहरा ने कहा कि अगर चिकित्सक कोई दवा लेने की सलाह दे रहे हैं तो हम उस पर सवाल नहीं कर सकते हैं। अगर चिकित्सक कह रहे हों तो हमें उसकी सप्लाई बढ़ाने की जरूरत है। अस्पतालों को जो भी आवंटित किया जाता है वो उन्हें सीधे दिया जा रहा है। इस पर वकील केके सिंह ने कहा कि जमीनी हकीकत दूसरी है। वे जिस मरीज की बात कर रहे हैं वो मैक्स अस्पताल साकेत में भर्ती है। उसकी सुबह में दोनों आंखें थी, लेकिन अभी दोनों आंखें चली गई हैं। उसे एम्फोटेरिसिन इंजेक्शन पिछले पांच दिनों से नहीं मिला। सुनवाई के दौरान वकील रिजवान ने ब्लैक फंगस के एक दूसरे मरीज की चर्चा की। उन्होंने कहा कि अस्पताल जो कह रहे हैं वो हतप्रभ करने वाला है। दवाइयों की सप्लाई कम हो रही है। ये दो सरकारों के बीच की लड़ाई है। तब कोर्ट ने कहा कि कोई लड़ाई नहीं है। तब रिजवान ने कहा कि ब्लैक फंगस के हर मरीज को रोजाना पांच इंजेक्शन देने होते हैं। कोर्ट भी दवाई की कम सप्लाई पर गौर कर चुका है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली को दवाओं की आपूर्ति नहीं कर रही है। तब जस्टिस सांघी ने पूछा कि क्या आपको जमीनी हकीकत पता है। हम किसी भी सूरत में ये आदेश पारित नहीं कर सकते कि दूसरों को छोड़कर हम आपको इंजेक्शन दे दें। दवाई की सीमित सप्लाई हो रही है। हमने पहले ही आदेश जारी कर रखा है कि दुनिया में जहां से भी इंजेक्शन मिले ले आइए। आपको कस्टम ड्यूटी नहीं चुकाना होगा। हम ये नहीं कह रहे हैं कि आपके मरीज को इंजेक्शन नहीं मिलेगा। कोर्ट ने कहा कि एक महीने पहले हमने ब्लैक फंगस सुना भी नहीं था और आज ये महामारी का रूप ले चुकी है। इस पर एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि छह देशों से एम्फोरेटिसिन बी के दो लाख तीस हजार इंजेक्शन लाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक दवाओं और नए निर्माताओं की भी तलाश की जा रही है ताकि उत्पादन बढ़ाया जा सके। उसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को एम्फोटेरेसिन बी की दो लाख तीस हजार इंजेक्शन को लाने की कोशिशों पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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