डोनाल्ड ट्रंप ने प्रदूषण को लेकर चीन और रूस के साथ भारत पर भी साधा निशाना
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डोनाल्ड ट्रंप ने प्रदूषण को लेकर चीन और रूस के साथ भारत पर भी साधा निशाना

डोनाल्ड ट्रंप ने प्रदूषण को लेकर चीन और रूस के साथ भारत पर भी साधा निशाना अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रदूषण को लेकर भारत पर हमला बोला है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि भारत, चीन और रूस को अपनी हवा को लेकर कोई चिंता नहीं है जबकि अमेरिका अपने देश की हवा की परवाह करता है। ट्रंप कई मौकों पर प्रदूषण को लेकर भारत की तीखी आलोचना कर चुके हैं। ट्रंप ने टेक्सस के एक कार्यक्रम में कहा, “पैरिस जलवायु समझौते की पाबंदियों को मानकर वॉशिंगटन के वामपंथी डेमोक्रेट्स अनगिनत अमेरिकी नौकरियां और फैक्ट्री चीन और उसके जैसे प्रदूषण फैलाने वाले देशों को सौंप देते। वे हमसे हवा की चिंता करने के लिए कहते हैं लेकिन चीन अपने यहां की हवा पर ध्यान नहीं देता है। भारत भी अपनी वायु की गुणवत्ता को लेकर कोई चिंता नहीं करता है और ना ही रूस लेकिन हम करते हैं। जब तक मैं राष्ट्रपति हूं तब तक अमेरिका फर्स्ट की नीति लागू रहेगी। तमिलनाडु सरकार ने 31 अगस्त तक के लिए बढ़ाया लॉकडाउन ट्रंप ने कहा, कई सालों से हम दूसरे देशों को खुद से पहले रखते आए हैं लेकिन अब हमारी प्राथमिकता अमेरिका है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि पैरिस जलवायु समझौता विनाशकारी था और उससे अमेरिका को अरबों डॉलर की चपत लगती। ट्रंप के पूर्ववर्ती बराक ओबामा ने इस वैश्विक समझौते में अहम भूमिका अदा की थी। ट्रंप ने कहा, अगर हमने इस समझौते को माना होता तो हम प्रतिस्पर्धा लायक नहीं रह जाते। हमने ओबामा प्रशासन के नौकरियां छीनने वाले पावर प्लान को रद्द कर दिया। ट्रंप ने कहा, पिछले 70 सालों में हम पहली बार ऊर्जा निर्यातक देश बन पाए हैं। अमेरिका अब तेल और प्राकृतिक गैस का नंबर वन उत्पादक देश बन गया है। हम सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में हमारी ये पोजिशन बनी रहे। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने प्रदूषण को लेकर भारत पर निशाना साधा हो। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इससे पहले कहा था कि भारत, चीन और रूस अपने उद्योगों से निकले धुएं के निपटारे के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं और समुद्र के जरिए इन देशों का कचरा लॉस एंजेलिस पहुंच रहा है। ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका के पास तुलनात्मक रूप से कम जमीन है और अगर आप चीन, भारत और रूस से तुलना करें तो पाएंगे कि ये देश अपने प्रदूषण के निपटारे के लिए कुछ भी नहीं कर रहे हैं, अपने देश में पेड़ों का सफाया कर रहे हैं और सारा कचरा समुद्र में बहा दे रहे हैं। यह कूड़ा बहकर लॉस एंजेलिस तक आ रहा है। लेकिन इसके बारे में कोई भी बात नहीं करना चाहता है। हर कोई बस हमारे देश के बारे में बात करता है। हमें ये करना होगा, हमें प्लेन नहीं उड़ाने होंगे, हमारे यहां गायें नहीं होनी चाहिए, हमारे पास कुछ नहीं होना चाहिए लेकिन चीन और विकासशील देशों के बारे में कोई कुछ नहीं कहता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक अन्य बयान में कहा था कि चीन, भारत, रूस व कई अन्य देशों के पास ना तो साफ हवा है, ना साफ पानी है और ना ही साफ-सफाई को लेकर समझ ही है। उन्होंने कहा था कि कुछ शहरों में तो आप सांस तक नहीं ले सकते हैं। दिसंबर 2018 की ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट के अनुमान के मुताबिक, भारत दुनिया में कार्बन डाई ऑक्साइड का चौथा सबसे बड़ा उत्सर्जक देश है और 2017 में वैश्विक उत्सर्जन में 7 फीसदी की हिस्सेदारी थी. साल 2017 में कार्बन का सबसे ज्यादा उत्सर्जन करने वालों में चीन (27%), अमेरिका (15%), यूरोपीय यूनियन (10%) और भारत (10%) थे। Thank You, Like our Facebook Page - @24GhanteUpdate 24 Ghante Online | Latest Hindi News-24ghanteonline.com

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