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बॉम्बे हाईकोर्ट ने विजयपत सिंघानिया की किताब के प्रकाशन और बिक्री पर लगाई रोक

नई दिल्ली, 5 नवंबर (आईएएनएस)। पैन मैकमिलन इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि वह विजयपत सिंघानिया की किताब एन इनकंप्लीट लाइफ के प्रकाशन पर रोक लगाने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश का पालन करेगी और इसके लिए उपलब्ध उपायों पर कानूनी सलाह मांगेगी। प्रकाशक ने एक बयान में कहा, 4 नवंबर 2021 की शाम को, बॉम्बे हाई कोर्ट ने विजयपत सिंघानिया द्वारा लिखित पुस्तक के प्रकाशन, बिक्री और वितरण से पैन मैकमिलन इंडिया को रोक दिया है। उच्च न्यायालय के आदेश की एक सूचना और एक प्रति हमें भेजी गई है और हमने आदेश का पालन करने के लिए तत्काल कदम उठाए हैं। बयान में आगे कहा गया है, हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि पैन मैकमिलन इंडिया 2019 में ठाणे जिला अदालत में रेमंड और लेखक के पिछले प्रकाशकों के बीच किसी भी कार्यवाही में पक्षकार नहीं रहा है। इस प्रकार, हमें ठाणे के सत्र न्यायालय द्वारा पुस्तक के किसी भी पूर्व संस्करण के संबंध में किसी भी निषेधाज्ञा से अवगत नहीं कराया गया था। पैन मैकमिलन इंडिया ने कहा, हमें सौंपी गई पांडुलिपि की सामग्री की एक कानूनी विशेषज्ञ द्वारा जांच की गई थी और हम मानते हैं कि हमारे द्वारा प्रकाशित पुस्तक मानहानिकारक नहीं है। बयान में कहा गया है, हम माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित 4 नवंबर 2021 के आदेश का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं। हम पैन मैकमिलन इंडिया के लिए उपलब्ध उपायों के बारे में कानूनी सलाह मांग रहे हैं। बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को उद्योगपति विजयपत सिंघानिया की आत्मकथा एन इनकंप्लीट लाइफ की बिक्री, प्रसार और वितरण पर रोक लगा दी थी। रेमंड समूह के पूर्व चेयरमैन विजयपत सिंघानिया (83) किताब के विमोचन को लेकर अपने अलग हुए बेटे गौतम सिंघानिया और रेमंड कंपनी के साथ कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं। दरअसल वर्ष 2019 में रेमंड लिमिटेड और इसके अध्यक्ष गौतम सिंघानिया ने ठाणे जिला सत्र न्यायालय और मुंबई की एक दीवानी अदालत में मुकदमा दायर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि पुस्तक की सामग्री मानहानिकारक है। --आईएएनएस एकेके/आरजेएस

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