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मप्र में भाजपा कानून व्यवस्था और धर्म के सहारे लड़ेगी अगला चुनाव

भोपाल 23 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भले ही एक साल से ज्यादा का वक्त हो, मगर भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी मुद्दों को अभी से तय करना शुरू कर दिया है। इस बात के संकेत भी मिलने लगे हैं कि अगला चुनाव भाजपा कानून व्यवस्था और हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ने वाली है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तेवर तेजी से तल्ख हो रहे हैं और अपराधियों व माफियाओं को सबक सिखाने का वे साफ तौर पर संदेश भी दे रहे हैं। बीते कुछ दिनों में वहशी दरिंदों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हुई हैं और उनके आशियाने को जमींदोज तक कर दिए गए। भाजपा के नेता तो अब शिवराज को बुलडोजर मामा तक कहने लगे हैं। कांग्रेस की ओर से शिवराज के बदले हुए अंदाज पर लगातार तंज कसे जा रहे हैं और यही कहा जा रहा है कि शिवराज अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बनने की कोशिश कर रहे हैं। चौहान जो भी कार्रवाई कर रहे हैं वह भेदभाव पूर्ण है, यह आरोप भी कांग्रेस ने लगाए हैं। दूसरी ओर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान ने जब सत्ता संभाली थी तभी उन्होंने साफ कर दिया था कि इस राज्य में या तो वे रहेंगे या डाकू रहेंगे। आज स्थिति यह है कि डकैतों के सारे गिरोह खत्म हो चुके हैं। अपराधियों पर हो रही कार्रवाई को सियासी चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। एक तरफ जहां सरकार और भाजपा कानून व्यवस्था पर खास जोर दे रही है, तो वहीं राम पथ गमन को भी नया रूप देने की तैयारी चल रही है। रामपथ गमन के पूरे मार्ग पर नवरात्र के दौरान रामलीलाओं का आयोजन किया जाने वाला है, साथ ही इस के जरिए जनजातीय वर्गों से भाजपा अपने को छोड़ेगी। वहीं दतिया में मां पीतांबरा की भी रथ यात्रा निकाले जाने की तैयारी चल रही है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो भाजपा ने वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी है। उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत का बड़ा कारण कानून व्यवस्था रहा है। यही कारण है कि मध्यप्रदेश में भी इस दिशा में सरकार के तेवर तल्ख हो चले हैं। इसके साथ हिंदुत्व और धार्मिक भावनाओं को भी भुनाने की कोशिश भाजपा की ओर से की जाएगी, ऐसा अभी से लगने लगा है। --आईएएनएस एसएनपी/एएनएम

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