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सीहोर में धार्मिक आयोजन स्थगित करने पर कांग्रेस के साथ भाजपा ने उठाए सवाल

सीहोर/भोपाल, 1 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव में उमड़ी भीड़ के चलते सात दिन के आयोजन को पहले ही दिन स्थगित करना पड़ा। इस मामले पर कांग्रेस के साथ भाजपा ने भी सवाल उठाए हैं। ज्ञात हो कि चितवालिया हेमा गांव स्थित कुबेरेश्वर धाम में सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव शुरु हुआ, मगर पहले ही दिन बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं के पहुंचने पर भारी अव्यवस्था हुई और कई किलो मीटर तक का जाम लग गया। पुलिस और प्रशासन को यातायात सामान्य कराने में घंटों लग गए। आखिर में यह रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित कर दिया गया। इस मौके पर कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने सभी श्रद्धालुओं से घर वापस जाने का आग्रह किया गया। यह कहते हुए उनकी आंखें भर आईं। इस आयोजन के स्थगित किए जाने पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी सवाल उठाते हुए प्रशासन की नाकामी बताया है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा, सीहोर में 28 फरवरी को जो कुछ हुआ वह सुनकर अत्यंत पीड़ा और वेदना पहुंची। सीहोर जिला प्रशासन की अकर्मण्यता से मेरे जैसे कई सनातनियों को आघात पहुंचा है। उन्होंने भोपाल में हर साल होने वाले होने वाले इज्तिमा आयोजन का जिक्र करते हुए कहा वहां भी लाखों लोग शामिल होते हैं, मंत्रियों को जाम में फंसना पड़ता है, लेकिन ऐसा कभी सुनाई नहीं दिया कि इज्तिमा रोक दिया गया। विजयवर्गीय ने प्रशासनिक नाकामी पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सीहोर प्रशासन इतना नाकारा था कि इस आयोजन की सूचना होने के बावजूद व्यवस्था जुटाई नहीं जा सकी। एक तरफ जहां भाजपा ने सवाल उठाए हैं, वहीं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने तंज कसते हुए ट्वीट किया है, महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या, शिवराज की सरकार, शिवराज का क्षेत्र और शिव ज्ञान की गंगा बहाने वाला शिव महापुराण व रुद्राक्ष महोत्सव का सात दिवसीय महाआयोजन दबाव डालकर पहले दिन ही स्थगित करा दिया गया, क्योंकि प्रशासन लाखों श्रद्धालुओं की व्यवस्था संभालने में असफल साबित? एक कथावाचक को आंखों में आंसू भरकर व्यासपीठ से इस सच्चाई को श्रद्धालुओं को बताना पड़े तो इससे शर्मनाक प्रदेश के लिए कुछ और हो नहीं सकता है। कमल नाथ ने आगे कहा, जो खुद को धर्मप्रेमी बताते हैं यह है, उनकी सरकार की हकीकत। बड़ी संख्या में श्रद्धालु नाराज, प्रदेश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। --आईएएनएस एसएनपी/एएनएम

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