बिहार: मिसाल बनी शादी, नेत्रहीन युवक, युवती परिणय सूत्र में बंधे
मुजफ्फरपुर, 7 दिसम्बर (आईएएनएस)। कहा जाता है कि जोड़ियां तो ऊपर से बनकर आती हैं और निभाना धरती पर होता है। ऐसी ही एक जोड़ी बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मनियारी थाना क्षेत्र के मधौल में बनी जहां नेत्रहीन युवक और युवती परिणय सूत्र में बंध गए। युवक और युवती दोनों फिलहाल अलग-अलग स्थानों पर नौकरी करते हैं लेकिन अब हमसफर बन गए हैं। ग्रामीणों के मुताबिक योगेंद्र पासवान की पुत्री रूबी जन्मजात नेत्रहीन नहीं है, लेकिन बाद में किसी कारणवश आंख की रोशनी चली गई। पिता ने कई डॉक्टरों के दरवाजे खटखटाए, कई मन्नतें मांगी लेकिन आखिर में वे अपनी बेटी को आंख की रोशनी नहीं लौटा सके। मुजफ्फरपुर के मुशहरी में शिक्षा विभाग में कार्यरत योगेंद्र पासवान बताते हैं कि इसी दौरान उन्हें जानकारी मिली कि नेत्रहीनों के लिए कई सामाजिक संस्थाएं हैं, जो नेत्रहीनों को बेहतर व्यवस्था देकर उन्हें योग्य बनाती हैं। इसी जानकारी के आधार पर उसने अपनी पुत्री को दिल्ली में ऐसी ही एक संस्था में दाखिला करवा दिया। इसी बीच रूबी पढ़ाई भी करने लगी। दिल्ली में ही रूबी की नेत्रहीन राजू कुमार से जान पहचान हो गई और दोनों मित्र बन गए। राजू वहीं स्नातक की पढ़ाई कर रहा था। बाद में दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई और फिर दोनों साथ में रहने का निश्चय कर लिया। इसी बीच दोनों की मेहनत रंग लाई और दोनों को नौकरी भी मिल गई। राजू दिल्ली में भारतीय जीवन बीमा निगम में नौकरी करता है, जबकि रूबी लखनऊ के एक बैंक में लिपिक है। दोनों ने शादी करने का निश्चय तो कर लिया लेकिन रूबी की इच्छा गांव से शादी करने की थी। योगेंद्र कहते हैं कि बेटी का गांव से विवाह करने का मकसद नेत्रहीन, दिव्यांगों का हौसला बढ़ाना है कि अपनी मेहनत से सबकुछ हासिल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि रविवार को पारंपरिक रीति रिवाज से रूबी और राजू परिणय सूत्र में बंध गए। आज इस विवाह की चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है। रूबी के पिता बताते हैं कि इस विवाह में रूबी और राजू के कई मित्र भी पहुंचे थे। यह विवाह यहां के लोगों के लिए एक मिसाल बन गया। --आईएएनएस एमएनपी/एएनएम