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बिहार: वीर कुंवर सिंह जयंती पर भाजपा फहराएगी 75000 राष्ट्रीय ध्वज, राजद ने कसा तंज

पटना, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। वर्ष 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन की पहली लड़ाई के योद्धा वीर कुंवर सिंह इन दिनों में बिहार की सियासत के केंद्र में बने हुए हैं। भाजपा जहां उनके जन्मदिन 23 अप्रैल को लेकर एक बड़ा समारोह कर एक साथ 75 हजार से अधिक राष्ट्रीय ध्वज (झंडा) फहराने की तैयारी में जुटी है, वहीं राजद इसे राष्ट्रवाद का ओवरडोज बताकर कटाक्ष कर रही है। कुंवर सिंह की जयंती के मौके पर उनके पैतृक गांव भोजपुर जिले के जगदीशपुर में आयोजित होने वाले समारोह में देश के गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह भी शिरकत करेंगे। भाजपा इस आयोजन को एतिहासिक बनाने में जुटी है। इस आयोजन को सफल करने के लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल प्रतिदिन बैठक कर रहे हैं और तैयारियों पर नजर रखे हुए हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने बताया कि इस इस कार्यक्रम में आजादी के 75 साल अमृत महोत्सव को देखते हुए 75 हजार तिरंगे फहराये जायेंगे। इस कार्यक्रम को गैर राजनीतिक रूप से मनाया जाएगा। उन्होंने कहा 1857 की क्रांति के नायक रहे बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती को ऐतिहासिक बनाने के लिए उस दिन कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम की तैयारी जोरशोर से चल रही है। इस कार्यक्रम में प्रदेश के सभी क्षेत्रों से लोग पहुंचेंगे। इधर, राष्ट्रीय जनता दल का कहना है कि वीर कुंवर बिहार नहीं बल्कि सारे भारत के हैं। भाजपा जो कुछ कर रही है वो राष्ट्रवाद का ओवरडोज है। राज्य के भाजपा नेताओं का दावा है कि सामूहिक रूप से 75 हजार राष्ट्रीय ध्वज फहराने का यह रिकॉर्ड बनेगा। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि कुंवर सिंह स्वतंत्रता आंदोलन के महान योद्धा थे, लेकिन जिस तरह भाजपा दिखा रही है वह समझ से बाहर है। स्वतंत्रता सेनानी प्रत्येक बिहारी और भारतीय के हैं। इधर, जदयू के नेता इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं बोल रहे हैं। जदयू के नेता हालांकि कहते हैं कि जगदीशपुर में कुंवर सिंह की जयंती मनाने का कार्यक्रम अच्छी पहल है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा आयोजन होते रहना चाहिए। भाजपा के आईटी सेल के संयोजक मनन कृष्ण कहते हैं कि स्वतंत्रता सेनानियों की गौरवगाथा गान प्रत्येक देशवासी का दायित्व है। कई लोग जो ऐसे कार्यक्रमों से दूर रहते हैं उन्हें यह दिखावा या और कुछ भी लग सकता है, लेकिन हमारे लिए यह मात्र समारोह नहीं स्वतंत्रता सेनानी का सम्मान है। उनकी गौरवगाथा से आने वाली पीढ़ी भी रूबरू होगी। --आईएएनएस एमएनपी/एएनएम

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