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राष्ट्रीय पुर्ननिर्माण का केंद्र है बीएचयू : रामबहादुर राय

-विश्वविद्यालय स्थापना व्याख्यान माला में वरिष्ठ पत्रकार ने महामना के वाकपटुता ,संवाद कौशल का किया उल्लेख वाराणसी, 04 फरवरी (हि.स.)। हिन्दुस्थान समाचार के समूह संपादक और देश के जाने माने पत्रकार पद्मश्री रामबहादुर राय ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय को याद किया। उन्होंने विश्वविद्यालय निर्माण के प्रति महामना के दृष्टि को भी बताया। पद्मश्री रामबहादुर राय गुरूवार को विश्वविद्यालय के स्थापना के 105 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित विश्वविद्यालय स्थापना व्याख्यान माला को वर्चुअल सम्बोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का केंद्र बता वरिष्ठ पत्रकार ने विश्वविद्यालय निर्माण के लिए भूमि, थियोसिफिकल सोसाइटी और एनी बेसेंट, महाराजा दरभंगा और काशी नरेश, तत्कालीन ब्रिटिश गवर्नर.जनरल और वायसराय से जुड़े विभिन्न प्रसंगों की न सिर्फ विस्तृत चर्चा की। बल्कि बहुत सारे तथ्यों को सामने रखकर वर्षों से बने.बनायें मिथकों की प्रमाणिकता को भी बताया। उन्होंने महात्मा गाँधी और महामना के अन्तर संबंधों की व्याख्या करते हुए विश्वविद्यालय निर्माण और तत्कालीन भारत में सामाजिक, राजनीतिक व वैचारिक समीकरणों के बनते बिगड़ते सन्दर्भों का उल्लेख किया। जिन्हें भारतीय इतिहास के पन्नों में तथ्यपरकता के साथ दर्ज होना चाहिए था। जब अंग्रेजी हुकूमत विश्वविद्यालय निर्माण के प्रति प्रतिकूल मत बनाये हुई थी। उन परिस्थितियों में महामना के वाकपटुता संवाद कौशल का उल्लेख कर राम बहादुर राय ने कहा कि महामना ने अनुकूल वातावरण तैयार किया। आगे चलकर विश्वविद्यालय की एक मजबूत आधारशिला रखी। वरिष्ठ पत्रकार ने उन संदर्भो में तब की फाइलों, पत्राचार, गज़ट व अभिलेखों के हवाले से परत दर परत उन तमाम भ्रांतियों को उजागर किया। जिसे इतिहास में मिथकों के बहाने बिना किसी ठोस आधार और प्रमाणिकता के पुष्ट करने की कोशिश की गई। उन्होंने चौरी-चौरा के सौ वर्ष व उनसे जुड़े क्रांतिकारियों पर विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० राकेश भटनागर ने महात्मा गाँधी के दीक्षांत भाषण को उद्धरित करते हुए किसी भी संस्था की पहचान व उसके विकास में पुरातन छात्रों की भूमिका को रेख्नाकित किया। कुलपति ने महामना के मूल उद्देश्यों और विश्वविद्यालय निर्माण के साथ जनमानस में विश्वविद्यालय के प्रति जो आकांक्षाएं थीं, उसका जिक्र महामना के मूल दस्तावेजों के हवाले से किया। साथ ही विश्वविद्यालय अपनी संरचना व संकल्पना के साथ राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में दैदीप्यमान रहेगा ऐसा विश्वास जताया। अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन बीएचयू एलुमनाई सेल की अध्यक्ष प्रो० सुशीला सिंह और संचालन डॉ० धीरेन्द्र कुमार राय ने किया। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर-hindusthansamachar.in

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