bhagat-singh-was-kept-imprisoned-the-basement-will-become-a-library-and-research-center
bhagat-singh-was-kept-imprisoned-the-basement-will-become-a-library-and-research-center

भगत सिंह को रखा गया था कैद, तहखाना बनेगा पुस्तकालय व अनुसंधान केंद्र

नई दिल्ली, 23 मार्च (हि.स.)। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के उत्तरी परिसर में स्थित वाइस रीगल लॉज के तहखाने में बनी एक कोठरी में शहीद-ए-आजम भगत सिंह को रखा गया था। हालांकि यह बात कम ही लोग जानते हैं। फिलहाल यहां कुलपति का कार्यालय है। डीयू ने इसी कक्ष में अब एक पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र खोलने की योजना बनाई है। पिछले दिनों जब केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ डीयू के दीक्षांत समारोह में शामिल होने गए थे। उस समय उनके संज्ञान में यह जानकारी आई थी। शहीद दिवस के मौके पर मंगलवार को डीयू में आयोजित एक कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से शिक्षा मंत्री शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने वाइस रीगल लॉज में शहीद भगत सिंह स्मारक का उद्घाटन किया। इस स्मारक में मौजूद पुस्तकों के संकलन को शहीद स्मृति पुस्तकालय बनाया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने इस दौरान अपने संबोधन में अमर शहीदों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश की आजादी में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की योगदान को कोई भुला नहीं सकता है। शहीद भगत सिंह को वाइस रीगल लॉज के तहखाने में एक दिन के लिए कैद रखा गया था। डॉ. पोखरियाल ने कहा कि 1922 में डीयू की नींव रखी गई थी और शुरुआत में केवल तीन कॉलेज 1881 में स्थापित सेंट स्टीफन, 1899 में स्थापित हिन्दू कॉलेज और 1917 में स्थापित रामजस कॉलेज इससे संबद्ध थे। तीनों कॉलेजों, दो संकायों (कला और विज्ञान) और लगभग 750 छात्रों के साथ शुरू होकर आज 16 संकायों, 80 से अधिक शैक्षणिक विभागों, 90 महाविद्यालयों और सात लाख से अधिक छात्रों के साथ भारत के सबसे बड़े विश्वविद्यालय के रूप में विकसित हुआ है। इस मौके पर डीयू के कुलपति प्रो. पीसी जोशी ने घोषणा करते हुए कहा कि डीयू ने भगत सिंह की स्मृति में यह कोठरी संरक्षित की है। कोठरी में सुराही, लालटेन, शहीदों के चित्र और एक खाट रखी गई है। डीयू इसी कक्ष में अब एक पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र खोलने की योजना बनाई है। पुस्तकालय खोलने से उन विद्यार्थियों को लाभ होगा जो शोध करना चाहते हैं। वहीं डीयू की योजना है कि यह कोठरी छात्रों के लिए खोली जाएगी। डीयू के छात्रों के लिए महीने के दूसरे या चौथे शनिवार को यह स्थान खोला जाएगा। ताकि लोग वीरों के दर्शन कर सकें। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in