तिनसुकिया के बाघजान हादसे के बाद इलाके में कंपन से दहशत में लोग
तिनसुकिया के बाघजान हादसे के बाद इलाके में कंपन से दहशत में लोग

तिनसुकिया के बाघजान हादसे के बाद इलाके में कंपन से दहशत में लोग

- आयल के विशेषज्ञों ने कंपन को लेकर की जांच लेकिन नहीं मिले वैज्ञानिक तथ्य तिनसुकिया (असम), 12 जून (हि.स.)। आयल के तिनसुकिया जिला के बाघजान स्थित तेल कुएंं में लगी आग अभी तक बुझ नहीं पाई है। इस बीच इलाके में लगातार कंपन महसूस किए जा रहे हैं जिसकी वजह से लोगों के बीच दहशत का माहौल है। बाघजान, नतून रंगागड़ा गांव, दीघल टरंग, मागुरी मतापूंग बिल, डिबरू सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान आदि इलाकों में रात के समय लोगों को कंपन महसूस हो रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार यह कंपन पिछले एक दिन से आरंभ हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि कंपन की वजह से कई घरों की दीवारों में दरारें भी पड़ गई हैं। हालांकि, प्रशासन ने हादसे वाले इलाके के कई किमी के लोगों को पहले ही सुरक्षित इलाकों में पहुंचा दिया है। प्रभावित इलाके में सामान्य लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। लगभग 07 से अधिक लोग अपना घर छोड़कर आश्रय शिविर में रह रहे हैं। कंपन संबंध में आयल विशेषज्ञ संजय राय व प्रशांत काकोति ने शुक्रवार को हिन्दुस्थान समाचार को टेलीफोन पर बताया कि स्थानीय लोगों की शिकायत पर विशेषज्ञों की एक टीम ने प्रभावित इलाकों में गुरुवार को पहुंचकर जायजा लिया लेकिन कंपन के कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं मिले हैं। ग्रामीणों ने बताया कि रात के समय कंपन हो रहा है, जिसके मद्देनजर विशेषज्ञों की टीम रात 07 बजे तक उक्त इलाके में मौजूद रही। विशेषज्ञों ने बताया कि हादसे के कारण कंपन को लेकर कोई वैज्ञानिक तथ्य सामने नहीं आए हैं। हालांकि, उन्होंने यह माना कि आग की लपटों की वजह से इलाके में आवाज जरूर हो रही है। उन्होंने बताया कि समूचे घटना की वैज्ञानिक पहलू से जांच की जा रही है। अगर कुछ प्रमाण मिलते हैं तो ही इस बारे में पक्के तौर पर कुछ भी कहा जा सकता है। आग बुझाए जाने के संबंध में विशेषज्ञों ने बताया है कि कुछ सप्ताह का समय लग सकता है। विदेशों से भी कई विशेषज्ञों को बुलाया गया है। आग बुझाने के लिए आवश्यक रणनीति के अनुसार काम किया जा रहा है। ज्ञात हो कि हादसे में आयल के दो कर्मचारियों की अब तक मौत हो चुकी है। हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद/सुनीत-hindusthansamachar.in

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