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1971 के युद्ध में असम पुलिस ने निभाई बड़ी भूमिका : हिमंत बिस्वा सरमा

गुवाहाटी, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा कि 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान, असम की भूमिका केवल पाकिस्तानी सेना के खिलाफ युद्ध के मोर्चे तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि कुछ पुलिस अधिकारियों ने मुक्ति वाहिनी के स्वतंत्रता सेनानियों को प्रशिक्षित और सुसज्जित किया था। गुवाहाटी में 1971 के युद्ध के पूर्व सैनिकों के सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष सुरक्षा ब्यूरो से संबंधित ज्ञानानंद सरमा पाठक और असम के बिरजा नंद चौधरी ने मुक्ति संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि डीएन सोनोवाल और हिरण्य कुमार भट्टाचार्य, दोनों असम से भारतीय पुलिस सेवा से संबंधित हैं, ने भी ऑपरेशन में एक बड़ी भूमिका निभाई। भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सरमा ने कहा कि उनके गीतों का युद्ध पर एक विद्युतीय प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा, उनके गीत जॉय जॉय नोबोजातो बांग्लादेश और जॉय जॉय मुक्ति वाहिनी नए संप्रभु बांग्लादेश और स्वतंत्रता सेनानियों के लिए विजयी अभिवादन के रूप में लिखे गए हैं, जो अभी भी हर किसी के दिल में ताजा हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए, असम सरकार ने मृत सैन्य कर्मियों के परिजनों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि, पूर्व सैनिकों के लिए नौकरी, उनके बच्चों के लिए चिकित्सा कॉलेज में सीटों के आरक्षण सहित कई कदम उठाए हैं। 1971 के युद्ध के पूर्व सैनिकों के सम्मान समारोह में, राज्य सरकार ने नौ सेना विधवाओं को 10 लाख रुपये, आठ युद्ध हताहतों की संख्या को 5 लाख रुपये, दो युद्ध कैदियों को 2.5 लाख रुपये और 86 युद्ध के दिग्गजों को 2 लाख रुपये के साथ सम्मानित किया। --आईएएनएस एसजीके

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