असम : एपीसीसी ने भाजपा सरकार पर पेट्रोल टैक्स लूट का लगाया आरोप, राज्यव्यापी आंदोलन
गुवाहाटी, 21 फरवरी (हि.स.)। अपने राज्यव्यापी अभियान को गति प्रदान करते हुए असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) ने रविवार को सभी जिलों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के विरोध में आंदोलन कर सरकार की पर जमकर निशाना साधा। कहा कि भाजपा सरकार करों (पेट्रोल टैक्स) के नाम पर लोगों को लूट रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव मुकुल वासनिक, एपीसीसी अध्यक्ष रिपुन बोरा, चुनाव प्रचार कमेटी के अध्यक्ष प्रद्युत बरदलै, चुनाव घोषणा पत्र कमेटी के चेयरमैन गौरव गोगोई, सीएलपी लीडर देवब्रत सैकिया, चुनाव प्रचार कमेटी के अध्यक्ष रकीबुल हुसैन और ऑल इंडिया महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सुष्मिता देव समेत अन्य लोगों ने समन्वय के तहत राज्य भर में अलग-अलग स्थानों पर आज आंदोलन का नेतृत्व करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। रिपुन बोरा ने होजाई में विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा, 'पेट्रोल का आधार मूल्य 33.46 रुपये प्रति लीटर और डीजल का आधार मूल्य 31.82 रुपये प्रति लीटर है। हालांकि, आम आदमी को पेट्रोल के लिए प्रति लीटर 87 रुपये और असम में डीजल के लिए 82 रुपये प्रति लीटर का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। भाजपा केवल करों के नाम पर लोगों को लूट रही है।’ बोरा ने ट्वीट के जरिए पूछा, “भाजपा सरकार जनता से मूल्य वृद्धि के लिए मूल्य नियंत्रण नीतियों को क्यों छिपा रही है? क्यों नहीं साफ तौर पर लोगों को बता रही है कि उन पर जबरन फैसले थोपे जा रहे हैं? ” प्रद्युत बरदलै ने सोनोवाल सरकार पर बिना सोचे-समझे लिए गये निर्णय लिये जा रहे हैं, जिससे असम में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई। बरदलै ने अपने ट्वीट में पूछा, 'मैं भाजपा सरकार से पूछना चाहता हूं कि वह हर दिन पेट्रोलियम की कीमतें किस आधार पर तय करती है? असम के लोगों को इस व्यवस्था में घसीटने के लिए उनके पास क्या स्पष्टीकरण है।’ गौरव गोगोई ने कहा, भाजपा सरकार निर्दयता से ईंधन की कीमतों में इजाफा कर जनता को लूट रही है, खासकर तब जब जनता कोरोना महामारी से पीड़ित हैं। असम के लोगों की ओर से मैं पूछना चाहता हूं कि अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें कम होने पर भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में यह बढ़ोतरी क्यों होती है? देवब्रत सैकिया ने कहा, आम आदमी पर महंगाई का बोझ है तो क्या भाजपा सरकार स्पष्ट करेगी कि वह किसके लिए कर लगाने में व्यस्त है? उन्होंने कहा लोगों को इतना परेशान करने के पक्ष में कौन है, जनता को इस बात को भाजपा को बताना चाहिए। रकीबुल हुसैन ने कहाकि भाजपा का असम और अन्य उत्तर पूर्व राज्यों के प्रति यह उदासीन रवैया क्यों, जहां देश के अन्य हिस्सों की तुलना में ईंधन की कीमतें अधिक हैं। यह निर्ममता पूर्ण कदम हमारे प्रति क्यों है। इस कड़ी में सुष्मिता देव ने कहाकि तथाकथित डबल इंजन वाली भाजपा सरकार असम के लोगों को बेवकूफ बना रही है। असम में चुनाव से ठीक पहले पेट्रोल-डीजल की कीमत 05 रुपये कम करना एक धोखा है। वास्तविकता यह है कि केंद्र में मोदी सरकार ने अपने कॉर्पोरेट मित्रों के पक्ष में कर को बढ़ा दिया है। एपीसीसी की मीडिया सेल की अध्यक्ष बबिता शर्मा ने बयान जारी कर कहा है कि एपीसीसी ने अपनी चिंताओं को व्यक्त करते हुए गूंगी बन चुकी पार्टी से सवाल किया है कि वह उपभोक्ताओं को राहत क्यों नहीं दे रही है और तेजी से उत्पाद शुल्क बढ़ा रही है। राज्य में भाजपा की आर्थिक नीतियां जनता के लिए पारदर्शी क्यों नहीं हैं? एपीसीसी के मीडिया और संचार प्रमुख अब्दुल खालेक ने सवाल करते हुए कहाकि पहले भाजपा ने असम के लोगों पर मूल्य वृद्धि का बोझ लादा फिर बड़ा झटका देते हुए ईंधन की कीमतों में बढ़ोत्तरी को जारी रखा। क्या इस पार्टी को शासन चलाने हक है? भाजपा आम आदमी को इतना क्यों प्रताड़ित कर रही है। एपीसीसी ने कहा है कि कांग्रेस के नेतृत्व में एकजुटता व्यक्त करते हुए आम लोगों ने राज्य भर में हाथों में तख्तियां लेकर आज उन्होंने महंगाई और पेट्रोलियम पदार्थों के विरुद्ध भाजपा सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया है। साथ ही कहा कि लोग भाजपा शासन की सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि ऐसा क्यों? हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद/ रामानुज