शिमला , 23 अप्रैल (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) को निर्देश दिया है कि वह लाहौल स्पीति जिले के प्राचीन मृकुला देवी मंदिर की मरम्मत का कार्य एक माह के भीतर शुरू करे। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस संदीप शर्मा की खंडपीठ ने शुक्रवार को यह आदेश जारी किया। खंडपीठ ने कहा कि एएसआई एक सप्ताह के भीतर विशेषज्ञ समिति का गठन करे, जो लकड़ी के बने 11वीं सदी के इस मंदिर की खस्ता हालत की जांच करे। यह काली माता का मंदिर है। यहां मां काली के आठ भुजाओं वाली महिषासुर मर्दिनी स्वरूप की पूजा होती है। यहां लकड़ी पर की गई नक्काशी अद्भुत है। यह कन्नौज शैली में बनी है, जबकि लकड़ी की दीवारें पहाड़ी शैली में हैं। खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 13 मई निर्धारित की है। खंडपीठ ने एएसआई से कहा है कि वह समुचित फंड सुनिश्चित करे और एक माह के भीतर मंदिर की मरम्मत का कार्य शुरू कर दे। मीडिया में ऐसी रिपोर्टे आआई थीं कि मंदिर की छत कभी भी ढह सकती है। मंदिर का एक खंभा गिरने की हालत में है और मंदिर के बाहर की छत गिर रही है और यह बदरंग भी हो गया है। सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी वंदना मिश्रा ने भी मंदिर की खस्ता हालत की कई तस्वीरें अदालत के समक्ष पेश की थीं। उन्होंने मंदिर के पुजारी के हवाले से बताया कि अगर मंदिर की मरम्मत तुरंत नहीं की गई तो यह कभी भी गिर सकता है। --आईएएनएस एकेएस/एसजीके