ईटानगर, 21 जून (हि.स.) । अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने जो कुछ भी किया, वह पूरी तरह से गलत था और राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है। मुख्यमंत्री खांडू आज एक एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाने के कार्यक्रम के दौरान बीआरओ द्वारा किमिन को असम का हिस्सा घोषित करने पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस मामले को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए खांडू ने कहा कि 11 अन्य सड़क परियोजनाओं के साथ-साथ किमिन से पोटिन सड़क की उद्घाटन व्यवस्था के लिए बीआरओ पूरी तरह से जिम्मेदार था और बीआरओ द्वारा की गई गलतियों के बारे में मुझे किमिन के स्थानीय लोगों के माध्यम से देर से जानकारी मिली। इस समस्या को देखते हुए उन्होंने सांसद किरण रिजिजू को सूचित कर दिया है, जो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने यह भी बताया कि इस संबंध में जिला प्रशासन बीआरओ के साथ चर्चा कर रहा है और बीआरओ के मुख्य अभियंता के साथ बैठक भी कर रहा है। असम-अरुणाचल सीमा विवाद मुद्दे के बारे में उन्होंने कहा कि असम के साथ हमारी लंबी सीमा साझा है। सीमा का कई स्थानों को अभी सुलझाना बाकी है, इसलिए यह एक संवेदनशील मामला है। उन्होंने कहा कि सीमा विवाद फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है, लेकिन अब अरुणाचल और असम दोनों ही भाजपा के शासन में हैं, इसलिए उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा से अनुरोध किया है कि अदालत के बाहर मामले का समझौता करने की कोशिश करने के लिए कहा है। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि स्थिति को और अधिक न भड़काएं क्योंकि वे लंबे समय से लंबित सीमा विवादों का समाधान का खोजने पर काम कर रहे हैं। इस बीच पूर्वी अरुणाचल के सांसद तपीर गाओ ने कहा कि पापुम पारे जिले के किमिन सहयोग उप कमिश्नर (एडीसी) मुख्यालय को असम 'बिलगढ़' के रूप में दिखाने और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के किमिन-पोटिन सड़क के उद्घाटन के दौरान अरुणाचल के नाम को सफेद पेस्ट से ढकने कि जिम्मेदार बीआरओ अधिकारियों को कानून की उपयुक्त धारा के तहत मामला दर्ज किया जाए। गाओ ने आगे कहा कि "जिसने भी किमिन पर शरारत से असम में दिखाया, उसने असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच सीमा को लेकर गलतफहमी पैदा की और केंद्रीय रक्षा मंत्री को भी गुमराह किया है।" सांसद ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इस पर आश्चर्य व्यक्त किया "समारोह में हमारे अपने राज्य के शीर्ष नेताओं की उपस्थिति में सफेद पेस्ट प्रकरण कैसे सामने आया। उन्होंने मांग की कि बीआरओ इस तरह के अपमानजनक प्रकरण के लिए अरुणाचल के लोगों से माफी मांगे।" हिन्दुस्थान समाचार/ तागू