पारंपरिक वेशभूषा में कलाकारों ने पेश की उत्तराखंड की झलक

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दधिबल यादव नई दिल्ली, 22 जनवरी (हि.स.)। रक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में आयोजित प्रेस प्रिव्यू के दौरान उत्तराखंड के कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में प्रदेश की सांस्कृतिक झलक पेश की। इसे उपस्थित लोगों ने जमकर सराहा। इस अवसर पर विभिन्न प्रदेशों एवं मंत्रालयों की झांकी कलाकारों द्वारा प्रेस के सम्मुख पेश की गयी। गणतंत्र दिवस समोराह में इस वर्ष 17 राज्यों की झांकी सम्मिलित की गई है। उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस परेड के लिए उत्तराखंड की झांकी में सूचना विभाग के उपनिदेशक एवं नोडल अधिकारी केएस चौहान के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य से 12 कलाकार गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड झांकी में भाग ले रहे हैं। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर उत्तराखंड की ओर से प्रदर्शित की जाने वाली झांकी का विषय ‘केदारखण्ड’ रखा गया है। झांकी के अग्रभाग में उत्तराखंड का राज्य पशु ‘कस्तूरी मृग‘ दर्शाया गया है जो कि उत्तराखंड के वनाच्छादित हिम शिखरों में 3600 से 4400 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। इसी प्रकार से उत्तराखंड का राज्य पक्षी ‘मोनाल’ एवं राज्य पुष्प ‘ब्रह्मकमल’ दिखाया गया है जो केदारखण्ड के साथ-साथ उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। झांकी के मध्य भाग में भगवान शिव के वाहन नंदी को दर्शाया गया है तथा साथ में केदारनाथ धाम में यात्रियों को यात्रा करते हुए तथा श्रद्धालु को भक्ति में लीन दर्शाया गया है। झांकी के पृष्ठ भाग में 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक बाबा केदार का भव्य मंदिर दर्शाया गया है, जिसका जीर्णोद्धार आदिगुरु शंकराचार्य ने कराया था तथा मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को दर्शाया गया है। साथ ही मंदिर के ठीक पीछे विशालकाय दिव्य शिला को दर्शाया गया है। इसी दिव्य शिला की वजह से वर्ष 2013 की आपदा में केदारनाथ मंदिर सुरक्षित रहा था। चौहान ने बताया कि राजपथ पर इस बार उत्तराखंड की झांकी केदारखण्ड सबके लिए आकर्षण का केन्द्र रहेगी। उन्होंने बताया कि आध्यात्मिक भूमि उत्तराखंड में जहां एक ओर जीवनदायिनी गंगा, यमुना बहती है तथा दूसरी ओर चार-धाम पवित्र तीर्थस्थल विद्यमान हैं वहीं हरि का द्वार अर्थात हरिद्वार है। उत्तराखंड आध्यात्मिक शांति और योग के लिए अनुकूल धरती है। इसलिए उत्तराखंड को देवभूमि भी कहा जाता है। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जायेगा। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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