जीत के जोश में जरूरी आवाजें दब जाया करती हैं और हार वो आईना है जो ऐसी बातों को खाद-पानी मुहैया कराता है। लेकिन देश की सबसे पुरानी पार्टी के भीतर हर हार इसको चलाने वाले परिवार की स्थिति को और मजबूत करता जाता है। हम बात कर रहे हैं क्लिक »-www.prabhasakshi.com