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एक स्थायी रक्षाबंधन

नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)। बाजार में स्थिरता मांग और आपूर्ति दोनों को तेजी से बढ़ा रही है, ऐसे में ब्रांड गणेश चतुर्थी और होली जैसे त्योहारों के लिए बेकार, प्रामाणिक और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के साथ प्रयोग कर रहे हैं। इस वर्ष, स्थायी रक्षाबंधन बैंड की ओर भी एक सचेत बदलाव प्रतीत होता है, जिनमें से कुछ में ऐसे बीज लगाए गए है, जिन्हें उपयोग में भी लाया जा सकता है। वडोदरा स्थित एक टिकाऊ ब्रांड साजके ने, जो शून्य अपशिष्ट उत्पादों के साथ दस्तकारी, समकालीन पोशाकें बनाता है, सरसों के बीज का उपयोग किया हैं। यह ब्रांड एक पौधे उगाने वाली किट भी लेकर आया है, जिसमें राखी होती है, जो आपको कुछ ही दिनों में पालक का पौधा उगाने में मदद करेगी। इसमें एक बायोडिग्रेडेबल पॉट, पालक के बीज, मिट्टी के लिए कॉयर और एक जैविक उर्वरक है। वैदिक राखी में हल्दी, चंदन और केसर के तत्व भी होते हैं। साजके की मालिक और संस्थापक दिव्या आडवाणी ने आईएएनएसलाइफ को बताया कि जागरूक उपभोक्ता बदलाव का हिस्सा बनना चाहता है। वह कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करने में योगदान देना चाहता है और इसलिए उसकी निर्णय लेने की प्रक्रिया उसके उपहार देने के विकल्पों को भी प्रभावित करती है। हमारी संस्कृति के संकेत के साथ स्थिरता ही कारण है कि लोग इसे चुनते हैं। वे अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं और साथ ही साथ टिकाऊ भी होते हैं। गो देसी के संस्थापक विनय कोठारी के अनुसार, भारतीय स्वाद और प्रारूपों से प्रेरित एक लोकप्रिय घरेलू पैकेज्ड फूड ब्रांड, आधुनिक उपभोक्ता एक नई वास्तविकता को अपना रहा है। इंटरनेट तक आसान पहुंच, विशेष रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ने भी जलवायु परिवर्तन और अन्य पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाई है। ये इनपुट उपभोक्ताओं के दैनिक जीवन को आकार दे रहे हैं, इस प्रकार उन्हें अपने खरीद निर्णयों के साथ अधिक सावधान कर रहे हैं। आज, स्थिरता निश्चित रूप से उनके मूल्य प्रणाली का एक बड़ा हिस्सा है, जो उनके खरीद पैटर्न में परिलक्षित होता है। केवल इतना ही नहीं, भारतीय उपभोक्ता अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़े रहना चाहते हैं। इसलिए वे कुछ ऐसा चाहते हैं जो उन्हें स्थिरता और देसी स्पर्श दोनों का मिश्रण प्रदान करे। --आईएएनएस एमएसबी/आरजेएस

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