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ऑटो ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए 47 प्रतिशत लोगों ने केंद्र को ठहराया जिम्मेदार

नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस)। भारत के करीब 47 प्रतिशत लोग पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार मानते हैं। एबीपी-सी वोटर मोदी 2.0 रिपोर्ट कार्ड में यह आंकड़ा सामने आया है। एबीपी-सी वोटर स्नैप पोल में पाया गया कि कुल 21.2 प्रतिशत लोग मूल्य वृद्धि के लिए राज्य सरकारों को जिम्मेदार मानते हैं। इसी तरह, 18.4 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए तेल कंपनियों को जिम्मेदार ठहराया। शहरी क्षेत्रों में 43.9 प्रतिशत लोग ऑटो ईंधन की कीमतों में वृद्धि के लिए केंद्र को जिम्मेदार मानते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 48.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं को ऐसा ही लगता है। शहरी इलाकों में कुल 18.6 प्रतिशत लोग पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए राज्यों को जिम्मेदार मानते हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में 22.3 प्रतिशत लोगों की ऐसी ही राय है। सर्वेक्षण में आगे कहा गया है कि शहरी क्षेत्रों में 21 प्रतिशत लोग तेल कंपनियों को कीमतों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार मानते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 17.2 प्रतिशत ऐसा ही महसूस करते हैं। यह सर्वे 23 मई से 27 मई के बीच देशभर में 12,070 लोगों के बीच किया गया था। भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अंतर्राष्ट्रीय ईंधन की कीमतों को एक बेंचमार्क के रूप में रखकर तय की जाती हैं। वैश्विक ईंधन की कीमतों में वृद्धि से घरेलू बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी होती है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम सहित राष्ट्र द्वारा संचालित तेल विपणन कंपनियां विदेशी विनिमय दरों में किसी भी बदलाव को ध्यान में रखते हुए घरेलू ईंधन की दरों को वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों के साथ संरेखित करती हैं। शनिवार को राष्ट्र संचालित तेल विपणन कंपनियों ने ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी की, जिसके बाद मुंबई में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के स्तर को पार कर गई। पेट्रोल की कीमत 26 पैसे बढ़कर दिल्ली में 93.94 रुपये प्रति लीटर हो गई है। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी में डीजल की कीमत 28 पैसे बढ़कर 84.89 रुपये प्रति लीटर हो गई। कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे एक और कारण केंद्र और राज्य सरकारों दोनों द्वारा लगाए गए कर हैं। मूल्य वर्धित कर (वैट) और परिवहन शुल्क के आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतें एक राज्य से दूसरे राज्य में भिन्न होती हैं। --आईएएनएस एकेके/एएनएम

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