मप्र के नौरादेही अभ्यारण्य में 165 किस्म के दुर्लभ पक्षी

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भोपाल 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के नौरादेही अभ्यारण्य में 165 विभिन्न प्रकार के दुर्लभ पक्षियों और पांच बाघों की मौजूदगी है, जो यहां आने वाले पर्यटकों को लुभाते हैं। नौरादेही वन्य अभ्यारण्य तीन जिलों सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिलों के बीच 1197.04 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। सम्पूर्ण अभ्यारण्य एक पठार पर स्थित है। दमोह जिले में दुर्गावती अभ्यारण्य से पूर्व में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान तक है। यह अभ्यारण्य जबलपुर-सागर हाइवे से लगा हुआ है। इसमें आठ रेंज आते हैं। इन रेंजों में बेशुमार जंगली जानवरों को देखने दूर-दराज से बड़ी संख्या में पर्यटकों का आना होता है। नौरादेही एक तरह से पन्ना टाइगर रिजर्व के लिए गलियारा साबित हुआ है और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा है। यह अभ्यारण्य वास्तव में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और रानी दुर्गावती वन्य-जीव अभयारण्य से जुड़े होने की बजह से पक्षियों का घर बन गया है। कुल मिलाकर नौरादेही अभ्यारण्य पक्षियों के रहवास के लिए आदर्श स्थल बनता जा रहा है। नौरादेही अभ्यारण्य में प्रकृति की धरोहर सभी का मन मोहने वाली है। इसमें गढ़ी, पहाड़, पोखर, तालाब, घना जंगल, वनस्पति और पक्षियों का बसेरा पर्यटकों को भरपूर आनंद देता है। इस अभ्यारण्य में विभिन्न प्रान्तों से तकरीबन 30 पक्षी विशेषज्ञों ने सर्वेक्षण कार्य को पूराकर 165 दुर्लभ पक्षियों को न केवल तलाशा अपितु उनके चित्र और आवाजें भी रिकार्ड कीं। सांवली चील, उल्लू, सफेद बेलीड मिनिवेट, हिमालयन वल्चर, यूरेशियन फ्लाई कैचर, सफेद गले वाला किंगफिशर जैसे पक्षी और जंगली सुअर, चिन्नीदार हिरण की मौजूदगी पर्यटकों को आकर्षित करती है। नौरादेही अभ्यारण्य जबलपुर से 95, सागर से 70, दमोह से 70 और नरसिंहपुर से 110 किलोमीटर का फासला तय कर पहुंचा जा सकता है। रेल मार्ग से सागर स्टेशन से 95 और जबलपुर से 160 किलोमीटर दूर है। --आईएएनएस एसएनपी/एएनएम

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