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हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए स्पेशल ड्राइव

नई दिल्ली, 10 दिसम्बर (आईएएनएस)। ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट व इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में स्पेशल ड्राइव शुरू की गई है। केंद्रीय विश्वविद्यालय की इस स्पेशल ड्राइव में सीयूसीईटी की प्रवेश परीक्षा न देने वाले अभ्यर्थी भी हिस्सा ले सकेंगे। दरअसल हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेन्द्रगढ़ ओपन काउंसलिंग के बाद स्नातक, स्नातकोत्तर व इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रमों में रिक्त सीटों के लिए दाखिले हेतु शुक्रवार को 10 दिसम्बर को स्पेशल ड्राइव का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर सारिका शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय स्नातक, स्नातकोत्तर व इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रमों में ओपन काउंसलिंग के बाद रिक्त बची सीटों पर दाखिले के लिए 10 दिसम्बर को यह स्पेशल ड्राइव है। ऑफलाइन माध्यम से आयोजित होने वाली इस प्रक्रिया में इच्छुक आवेदक को विश्वविद्यालय परिसर में संबधित विभाग में उपस्थित होना अनिवार्य है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने बताया कि इस दाखिला प्रक्रिया में सीयू-सीईटी-2021 परीक्षा न दे सकने वाले अभ्यर्थी भी हिस्सा ले सकेंगे, किन्तु सीयू-सीईटी-2021 परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रोफेसर सारिका शर्मा ने बताया कि इच्छुक अभ्यर्थी को अपने दस्तावेजों की मूल प्रति व दो सेट प्रतिलिपि के साथ संबंधित विभाग में रिपोर्ट करना होगा। आवेदक अधिक जानकारी के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट देखें। वहीं दिल्ली व एनसीआर में वायु प्रदूषण कम करने की दिशा में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों ने एक नया आविष्कार किया है। छात्रों ने अपने इस अविष्कार के तहत खेतों की पराली से ईंट का निर्माण किया है। खास बात यह है कि इंजीनियरिंग के छात्रों ने खेतों की पराली का इस्तेमाल करते हुए ऐसी ईंट का निर्माण किया है, जो कि बेहद मजबूत हल्दी व किफायती है। फिलहाल पराली की इस ईंट की टेस्टिंग की प्रक्रिया जारी है। गौरतलब है कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में फसल काटने के उपरांत बचने वाली पराली को जला दिया जाता है। पराली जलाए जाने के कारण दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। हालांकि अब हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा पराली से इर्ंट बनाने का जो आविष्कार किया गया है उससे पराली का सदुपयोग किया जा सकेगा। इससे वायु प्रदूषण में काफी कमी आएगी, साथ ही किसानों की आमदनी भी बढ़ सकती है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में पराली से ईंट बनाने के नए कारखाने और रोजगार भी विकसित होंगे। पराली के कारण प्रदूषण की समस्या को देखते हुए हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के विद्यार्थियों ने एक ऐसी ईंट का निर्माण किया है जो कृषि अपशिष्ट व औद्योगिक अपशिष्ट के मिश्रण से बनी है। --आईएएनएस जीसीबी/एएनएम

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