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1971 युद्ध : वायु सेना ने की स्वर्णिम विजय मशाल की अगवानी

नई दिल्ली, 13 दिसम्बर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 16 दिसंबर, 2020 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से राष्ट्रव्यापी यात्रा पर निकली चार स्वर्णिम विजय मशालों (विजय की ज्वाला) में से एक सोमवार को अपने अंतिम पड़ाव, वायु सेना स्टेशन, हिंडन पहुंच गई है। मशाल की अगवानी पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल अमित देव और भारतीय वायु सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने की। इस अवसर पर 1971 के युद्ध नायकों एसीएम एस. के. कौल (महावीर चक्र विजेता), एसीएम त्यागी, जो युद्ध के दौरान 28 स्क्वाड्रन में तैनात थे, एयर मार्शल मंजीत एस सेखों (वीर चक्र विजेता), विंग कमांडर एम. के. जैन (मरणोपरांत वीर चक्र विजेता) के परिवार के सदस्य कमलेश जैन, दिवंगत स्क्वाड्रन लीडर जी. के. अरोड़ा (शौर्य चक्र विजेता) की बेटी मनीषा अरोड़ा कपूर और दिवंगत फ्लाइट लेफ्टिनेंट वी. के. वाही (मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित) के भाई विक्रम वाही ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर बोलते हुए, एसीएम कौल और एयर मार्शल सेखों ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों और युद्ध के दौरान भारतीय वायु सेना द्वारा किए गए अपार योगदान को याद किया, जिसने यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई कि युद्ध तेज और निर्णायक रहे। सभी दिग्गजों ने भावी पीढ़ियों को आत्मसात करने के लिए उच्चतम सैन्य मानक स्थापित करने के लिए उनकी सराहना की। विजय मशाल अब राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की यात्रा करेगी, जहां राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अग्नि की लपटों को अनन्त ज्वाला के साथ मिला दिया जाएगा। --आईएएनएस एकेके/आरजेएस

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