(संशोधित) दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट मामले में सुनवाई टली
(संशोधित) दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट मामले में सुनवाई टली

(संशोधित) दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट मामले में सुनवाई टली

(संशोधित) नई दिल्ली, 26 सितम्बर (हि.स.)। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में सुनवाई टाल दी है। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा ने इस मामले के जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वो आरोपियों को तीन दिनों के अंदर सभी दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराएं। मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी। पिछले 24 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया था कि वे मामले में आरोप तय करने को लेकर दलीलें सुनें। इसके पहले 14 मार्च 2019 को हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को आरोप तय करने पर ट्रायल कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि 19-20 फरवरी की आधी रात को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में बुलाई गई बैठक में, उनके साथ आप के विधायकों ने कथित तौर पर मारपीट और बदसलूकी की थी। इस मामले में दायर आरोप पत्र में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों को आरोपी बनाया गया है। आरोप पत्र में पुलिस ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन को मुख्य चश्मदीद गवाह बनाया है। इस मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मुख्य सचिव को तीन सीटों वाले सोफे में अमानुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल के बीच में बैठने को कहा गया। आमतौर पर ऐसा नहीं होता है। सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने कोर्ट में बताया था कि उन्होंने अंशु प्रकाश के चेहरे पर लगी चोटें देखी हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ संजय-hindusthansamachar.in

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