केंद्र सरकार ने जहाज मरम्मत उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 123.95 करोड़ की मंजूरी दी
नई दिल्ली, 12 जून (हि.स.)। जहाजरानी मंत्रालय ने अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में जहाज मरम्मत सुविधाओं के संवर्धन के लिए 123.95 करोड़ रुपये की राशि के संशोधित लागत आकलनों को मंजूरी दे दी है। ड्राई डॉक की विस्तार सुविधा जहाजरानी उद्योग द्वारा अगस्त, 2021 तक उपलब्ध करा दी जाएगी। इससे जहाज निर्माण एवं जहाज मरम्मत उद्योग को न सिर्फ बढ़ावा मिलेगा बल्कि भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया‘ पहल को सुगम भी बनायेगा। गौरतलब है कि जहाजों की आवाजाही में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण पोर्ट ब्लेयर में वर्तमान मरम्मत सुविधाओं को जहाजरानी मंत्रालय द्वारा वर्द्धित किया जा रहा है। विद्यमान डाक (गोदी) की लंबाई 90 मीटर तक बढ़ा दी जाएगी। दक्षिण अंडमान के पोर्ट ब्लेयर में आपूर्ति, ड्राई डौक पंप एवं ऐसेसरी की स्थापना एवं कमीशनिंग सहित एक मैरीन डॉकयार्ड पर ड्राई डॉक -2 का विस्तार नामक परियोजना को जहाजरानी मंत्रालय द्वारा फरवरी 2016 के दौरान 42 महीने की पूर्णता की निर्धारित तिथि के साथ केंद्रीय क्षेत्र स्कीम के तहत 96.24 करोड़ रुपये तक की मंजूरी दी गई थी। कार्य का दायरा अधिक और बड़े पोतों को समायोजित करने के लिए वर्तमान डौक की लंबाई को 90 मीटर विस्तारित करना था। इस सुविधा का उद्वेश्य पोर्ट ब्लेयर स्थित जहाज मरम्मत सुविधाओं की वर्तमान क्षमता को दोगुनी करना और रोजगार अवसरों में बढोतरी करना तथा द्वीपवासियों की आय को बढ़ाना था। इस परियोजना को मंजूरी दे दी गई थी और साइट पर आरंभिक कार्य 07.03.2017 को शुरू हो गया। परियोजना में कुछ तकनीकी बदलाव के कारण लागत एवं समय दोनों में ही अत्यधिक वृद्धि हो गई। अब जहाजरानी मंत्रालय ने 123.95 करोड़ रुपये की राशि के लिए संशोधित लागत आकलन को मंजूरी दे दी है। हिन्दुस्थान समाचार/ रवीन्द्र मिश्र/सुनीत-hindusthansamachar.in