समाजशास्त्र पर पुस्तकें प्रकाशित करने के लिए प्रतिबद्ध है नेशनल उर्दू काउंसिल : शेख अकील अहमद
नई दिल्ली, 12 जून (हि.स.)। नेशनल उर्दू काउंसिल द्वारा उर्दू भाषा के सामाजिक विज्ञान पैनल के प्रचार के लिए शुक्रवार को राष्ट्रीय परिषद की ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई। बैठक में शामिल हुए प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए परिषद के निदेशक डॉ. शेख अकील अहमद ने कहा कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया प्रभावित हुई है। इसके कारण सामाजिक दूरी पर जोर दिया जा रहा है। यही कारण है कि परिषद ने आज सामाजिक विज्ञान पैनल की एक ऑनलाइन बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा कि नेशनल उर्दू काउंसिल समाज शास्त्र पर पुस्तकें प्रकाशित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बैठक में स्थिति की समीक्षा की गई और समाजशास्त्र पर अनुसंधान के विभिन्न पहलुओं पर कई महत्वपूर्ण सुझाव सामने आए, जिन पर चर्चा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि आगे के विचार-विमर्श के बाद, परिषद इन सुझावों को व्यवहार में लाने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि समाजशास्त्र पर महत्वपूर्ण पुस्तकों को समय की आवश्यकताओं के अनुसार प्रकाशित किया जाएगा। पैनल के अध्यक्ष प्रो.रईस अख्तर ने कहा कि वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन को समझना बहुत महत्वपूर्ण है और इसीलिए विभिन्न भाषाओं में इस पर किताबें लिखी जा रही हैं। उर्दू में जलवायु परिवर्तन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर पुस्तकों की भी आवश्यकता है। प्रो. रिज़वान क़ैसर ने 19वीं शताब्दी में मुसलमानों द्वारा आयोजित महत्वपूर्ण शैक्षिक अनुभवों की ओर संकेत करते हुए शैक्षिक संस्थानों के शैक्षिक विकास के सिद्धांतों पर भी ध्यान केंद्रित किया। हिन्दुस्थान समाचार / राजेश-hindusthansamachar.in