
नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। शुक्रवार यानी 14 जुलाई को भारत ने नया इतिहास रच दिया है। भारत के तीसरा चांद में पहुंचने का मिशन 14 जुलाई दोपहर 2.35 आंध्र प्रदेश के सतीश धवन स्पेस सेंटर इन श्रीहरिकोटा टेकऑफ किया। इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की धरती को एक्सप्लोर करना है। अगर चंद्रमा की धरती पर ये चंद्रयान आसानी से लैंड कर जाता है तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। अब तक अमेरिका रूस और चीन ने ही ये कारनामा किया है।
मिशन चंद्रयान-3 का बजट
भारत का यह मिशन सबसे कम बजट में तैयार किया गया है। इसरो ने चंद्रयान-3 के ज्यादातर हिस्से स्वदेशी टेक्नोलॉजी से बनाया है। इसरो ने इस में मिशन 'Fat boy' LVM3-M4 रॉकेट की मदद ले रहा है। बता दें कि चंद्रयान 3 का बजट लगभग 615 करोड़ है, जो पूरी दुनिया में सबसे कम है। बता दें इससे अधिक के बजट में आदिपुरुष मूवी बन गई थी।
मिशन चंद्रयान-3 हुआ लांच
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने शुक्रवार को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रमा के लिए चंद्रयान-3 मिशन को सफलतापूर्वक लांच किया। चंद्रयान-3 लैंडर, रोवर और पॉपुलेशन मॉड्यूल से लैस है। चंद्रयान-3 के कक्षा में सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो में जश्न मनाया गया। इसके बाद इसरो वैज्ञानिकों ने प्रक्षेपण यान से उपग्रह के सफलतापूर्वक अलग होने की घोषणा कर दी है। उपग्रह को अब चंद्रमा की यात्रा शुरू करने के लिए वांछित कक्षा में स्थापित कर दिया गया है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को भारत के चंद्र मिशनों के महत्व को रेखांकित करते हुए चंद्रयान-3 के लिए शुभकामनाएं दी थीं। कक्षा उत्थान प्रक्रिया के बाद चंद्रयान-3 को चंद्र स्थानांतरण प्रक्षेप पथ में डाला जाएगा। 3 लाख किमी से अधिक की दूरी तय करते हुए यह आने वाले हफ्तों में चंद्रमा पर पहुंचेगा। यहां सॉफ्ट लैंडिंग के बाद यान पर मौजूद वैज्ञानिक उपकरण चंद्रमा की सतह का अध्ययन करेंगे।