MP Election: उम्मीदवारों के विरोध में हिंसक हुए कांग्रेसी कार्यकर्ता, आपस में चले लाठी-डंडे, 1 घायल

Sagar: मप्र विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने सभी 230 सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, लेकिन कुछ विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं द्वारा घोषित उम्मीदवारों का जमकर विरोध किया जा रहा है।
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सागर, हि.स.। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने सभी 230 सीटों के लिए अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, लेकिन कुछ विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं द्वारा घोषित उम्मीदवारों का जमकर विरोध किया जा रहा है। इनमें सागर जिले की नरयावली विधानसभा सीट भी शामिल है। यहां बुधवार को कांग्रेस के दो गुटों में मारपीट हो गई। दोनों तरफ से मारपीट हुई। इस दौरान लाठी-डंडे भी चले, इस झड़प में अशरफ खान सहित अन्य कार्यकर्ताओं को चोट आई है।

देखते ही देखते बात बिगड़ी और विवाद मारपीट तक पहुंच गया

जानकारी के मुताबिक, नरयावली विधानसभा सीट से कांग्रेस ने सुरेंद्र चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। इसके विरोध में बुधवार को कांग्रेस नेत्री शारदा खटीक के समर्थक मकरोनिया चौराहे पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह व कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र चौधरी का पुतला जलाने के लिए जा रहे थे।

इसकी खबर मकरोनिया में चुनावी प्रचार में लगे सुरेंद्र चौधरी के समर्थक अशरफ खान सहित अन्य लोगों को लगी तो वे भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मौके पर पहुंचकर पुतला दहन करने वाले कांग्रेस नेत्री शारदा खटीक के समर्थकों को समझाया, लेकिन वे नहीं माने। इस दौरान देखते ही देखते बात बिगड़ी और विवाद मारपीट तक पहुंच गया।

सुरेंद्र चौधरी- यह विरोध मेरा नहीं जनता का है

इस संबंध में शारदा खटीक का कहना है कि सुरेंद्र चौधरी का पुतला मैं नहीं जला रही। गलत टिकट दिए जाने से यह पुतला जनता जला रही है, लेकिन पुतला दहन के दौरान सुरेंद्र चौधरी के समर्थक आए जिन्होंने जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि यह विरोध मेरा नहीं जनता का है।

मारपीट में घायल हुए अशरफ खान का कहना है कि मैं शांति बनाए रखने की अपील कर रहा था, लेकिन मेरी बात नहीं सुनी। मुझे करीब 20 से 22 लोगों ने जमीन पर पटकर मारा। यदि साथी मुझे नहीं खींचते तो मेरी जान जा सकती थी।

टिकट देने न देने का फैसला पार्टी हाईकमान है

नरयावली विस क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि विरोध का यह तरीका लोकतांत्रिक नहीं है। टिकट देने न देने का फैसला पार्टी हाईकमान है। यदि मेरी जगह अन्य किसी को टिकट मिलता तो मैं उस फैसले को मानता। अन्य कार्यकर्ताओं को भी समझना चाहिए, नहीं तो इसका फायदा अन्य लोग उठाएंगे। ग्रामीण कांग्रेस जिला अध्यक्ष डा. आनंद अहिरवार का कहना है कि कार्यकर्ताओं को समझाया जाएगा। यह समय एकजुट रहने का है। यदि हम बिखरे तो इसका फायदा अन्य उठाएंगे।

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