नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। लोकसभा से लेकर राज्यसभा में विपक्ष लगातार केंद्र की सरकार से मणिपुर हिंसा के बाद चर्चा के लिए दबाव बना रहा है। इधर सरकार भी चर्चा के लिए तैयार है। भाजपा के नेता से लेकर मंत्री सभी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि आप आइए हम सभी मणिपुर पर चर्चा करेंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार तैयार है और विपक्ष भी चर्चा चाह रहा है तो ऐसे में मामला कहां फंस रहा है।
भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि कांग्रेस (मणिपुर पर) चर्चा नहीं करना चाहती क्योंकि वह जानती है सरकार के जवाब से उनका ड्रामा खत्म हो जाएगा। वे सड़क पर शोर मचाते की उनको चर्चा करनी है और लोकसभा को चलने नहीं देते। लोकसभा स्पीकर ने 12 बजे से चर्चा करने के लिए कहा, लेकिन कांग्रेस उसके बाद भी चर्चा से भाग रही है।
स्मृति ईरानी ने विपक्ष को घेरा
वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि गृह मंत्रालय की ओर से मणिपुर में कानून व्यवस्था के संदर्भ में देश के गृह मंत्री दोनों सदनों में चर्चा के लिए तैयार हैं। हम अचंभित हैं कि विपक्ष मणिपुर पर चर्चा से भाग रहा है। प्रश्न ये उठता है कि विपक्ष मणिपुर से संबंधित घटनाओं पर चर्चा करने के बजाय उस चर्चा से संबंधित मंत्री द्वारा चर्चा से क्यों भाग रहा है?
खड़गे का सरकार पर आरोप
इधर, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि ये पहली बार नहीं है कि कोई विरोध जता रहा है। सभी लोग संसद में विरोध करते हैं। लोकतंत्र में बोलने की आजादी है, बोलने के लिए जो संसद आता है उसे मौका मिलना चाहिए। आज सरकार की मंशा है कि किसी ना किसी तरीके से आवाज को बंद किया जाए। पिछली बार भी उन्होंने ऐसा ही किया था।
पीएम पर कांग्रेस हमलावर
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार के मंत्री कह रह हैं कि हम मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं, I.N.D.I.A गठबंधन की सभी पार्टियां कह रही हैं कि वे चर्चा के लिए तैयार हैं। ऐसा लग रहा है कि एक ही व्यक्ति चर्चा के लिए तैयार नहीं है और वह हैं प्रधानमंत्री मोदी... भाजपा प्रधानमंत्री का बचाव कर रही है। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री अपने मणिपुर के सकल कुप्रबंधन को लेकर संसद में गठबंधन दलों की जांच से डर रहे हैं।
संजय सिंह के निलंबन पर भी विपक्ष एकजुट
शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने भी भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि संजय सिंह का निलंबन वापस लिया जाए। निलंबन क्यों किया गया? हम बार-बार सभापति का ध्यान मणिपुर की ओर आकर्षित कर रहे थे लेकिन वे सुनने को तैयार नहीं थे इसलिए हमारे पास उनके सामने जाकर बोलने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था...प्रधानमंत्री को चर्चा के लिए आने में क्या दिक्कत है? वे आते हैं तो उनका बड़प्पन और बढ़ जाएगा।
बता दें कि विपक्ष सबसे पहले पीएम का बयान संसद में चाह रहा है। उनका कहना है कि पीएम इस पर अपनी बात रखें तब चर्चा की जाएगी। वहीं सरकार के मंत्री पहले चर्चा करना चाह रहे हैं इसी कारण सत्ता और विपक्ष के बीच का गतिरोध टूट नहीं रहा है।