बैकुंठपुर में ऐतिहासिक दुर्गा पूजा की तैयारियां शुरू
बैकुंठपुर में ऐतिहासिक दुर्गा पूजा की तैयारियां शुरू

बैकुंठपुर में ऐतिहासिक दुर्गा पूजा की तैयारियां शुरू

जलपाईगुड़ी, 12 अगस्त (हि. स.)। कोरोना के बीच जलपाईगुड़ी जिले के बैकुंठपुर में ऐतिहासिक दुर्गा पूजा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस बार 511वां साल है। नियमानुसार जन्माष्टमी उत्सव के बाद राजबाड़ी के प्रांगण में दही मिट्टी खेल होता है। इसमें बच्चे प्रांगण की उस मिट्टी में खेलते हैं, जिसमें पुरोहित दही मिला देते हैं। राजघराने से ही यह परंपरा बनायी गयी थी। बच्चों के खेलने के बाद उनके पैरों तले रौंद कर जो मिट्टी बच जाती है उसे उठाकर उसी से मां दुर्गा की प्रतिमा बनायी जाती थी और पूजा होती है। राज परिवार के सदस्य प्रनत कुमार बसु ने कहा कि पिछले 510 सालों से इसी तरह से पूजा होती रही है। इस बार भी इसकी तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं। इस बार जन्माष्टमी पर नंद उत्सव के बाद दही मिट्टी का खेल संपन्न हो चुका है। इसकी मिट्टी लेकर नाट्य मंदिर में रखी गयी है। जब देवी की मूर्ति गढ़ी जायेगी तो उसमें मिलायी जायेगी। उन्होंने कहा कि इस बार कोरोना के कारण मां का दर्शन व पूजा सभी दर्शनार्थियों को बाहर से ही करना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि पूरी दुनिया में पश्चिम बंगाल की पहचान बन चुकी दुर्गा पूजा चंद दिनों के अंदर शुरू होने वाली है। लेकिन इस बार कोरोना की वजह से दुर्गा पूजा की भव्यता नहीं दिखेगी। हिन्दुस्थान समाचार/सचिन/सुगंधी-hindusthansamachar.in

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