जेल में गुजर गए 40 साल, अभी भी विचाराधीन है कैदी
जेल में गुजर गए 40 साल, अभी भी विचाराधीन है कैदी

जेल में गुजर गए 40 साल, अभी भी विचाराधीन है कैदी

कोलकाता, 09 नवम्बर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल की जेलों में लापरवाही और प्रशासनिक निष्क्रियता का मामला नया नहीं है। अब एक ऐसे कैदी के बारे में पता चला है जो पिछले 40 सालों से सेंट्रल जेल में बंद है फिर भी वह विचाराधीन ही है। कोलकाता के दमदम सेंट्रल जेल में नेपाल के रहने वाले एक कैदी की उम्र 75 वर्ष है। 1981 में दार्जिलिंग में हत्या के जुर्म में उसे गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में जेल प्रबंधन सवालों के घेरे में है। मामला उजागर होने के बाद एक संगठन कैदी की सहायता के लिए आगे आया है और जमानत की अर्जी देगा। जानकारी के मुताबिक वर्ष 1981 में दार्जिलिंग में हत्या के जुर्म में दीपक जोशी नामक इस कैदी को गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2005 में वह दार्जिलिंग जेल से अलीपुुुर जेल होते हुए दमदम सेंट्रल जेल में आया था। तब से सिर्फ सुनवाई की तारीख ही बीतती जा रही है। कैदी की मानसिक स्थिति भी सही नहीं है। नेपाल में उसके घर का भी पता नहीं चला है और ना ही कोई उसका रिश्तेदार सामने आया है। कैदी के साथ 10 साल तक रहे एक और कैदी राधेश्याम दास ने इस घटना की जानकारी हैम रेडियो के पश्चिम बंगाल रेडियो क्लब के सचिव अंबरीश नाग विश्वास को दी। तब मामले का खुलासा हुआ। विश्वास ने बताया कि हैम रेडियो कैदी की सहायता के लिए आगे आया है और उसने जेल प्रबंधन को द्विभाषिये (नेपाली भाषा समझने वाला) के साथ कैदी से मुलाकात करने के लिए आवेदन किया है। हालांकि अभी तक जेल प्रबंधन ने इसकी मंजूरी नहीं दी है। अब इस मामले में हैम रेडियो की ओर से नेपाल दूतावास को कैदी का घर पता लगाने के लिए ई-मेल भेजा गया है। नेपाल सरकार की ओर से कहा गया है कि कैदी का घर ढूंढा जा रहा है। इधर हैम रेडियो के वरिष्ठ सदस्य तथा अधिवक्ता हीरक सिन्हा ने बताया कि दार्जिलिंग सत्र न्यायालय में यह मामला लंबित है और वहां से पंजीकृत प्रतिलिपि लेकर हाईकोर्ट खुलने के बाद 17 नवंबर को कैदी की जमानत की अर्जी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में जेल प्रबंधन पूरी तरह से सवालों के घेरे में है। अगर कैदी को बचाव के लिए मुफ्त कानूनी सेवा मुहैया कराई जा रही थी तो अभी तक मामला लंबित होने का सवाल ही नहीं उठता। जेल प्रबंधन को इस मामले में सरकार से आवेदन करना चाहिए था। हालांकि जेल प्रबंधन से संपर्क करने पर वह इस मामले में विस्तृत जानकारी नहीं दे पाया। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा-hindusthansamachar.in

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