Lok Sabha Election 2024: बांकुड़ा में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार, भाजपा को मिल सकती है दोहरी चुनौती

Lok Sabha Election 2024: पश्चिम बंगाल के लोकसभा चुनाव में एक सीट है बांकुड़ा। इस क्षेत्र में भाजपा का मजबूत जनाधार है लेकिन राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस भी कमजोर नहीं है।
Lok Sabha Election 2024 BJP vs TMC
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कोलकाता, (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शुक्रवार से पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज करने वाले हैं। उधर, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी जिलों के दौरे पर हैं और लगातार भाजपा पर हमलावर हैं। राज्य में विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन से अलग हटकर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकीं मुख्यमंत्री बनर्जी ने राज्य के सभी 42 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी शुरू कर दी है। इनमें से कई ऐसी सीटें हैं जो बेहद खास होने वाली हैं। ऐसी ही एक सीट है बांकुड़ा लोकसभा सीट। यहां से भाजपा के सुभाष सरकार सांसद हैं। वह केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री भी हैं और संघ के पुराने स्वयंसेवक रहे हैं। इस क्षेत्र में भाजपा का मजबूत जनाधार है लेकिन राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस भी कमजोर नहीं है। दूसरी ओर इंडी गठबंधन की ओर से माकपा और कांग्रेस के साझा उम्मीदवार उतरेंगे। इसलिए मुकाबले यहां त्रिकोणीय होने के आसार हैं।

क्या रहा है राजनीतिक इतिहास?

पश्चिम बंगाल की बांकुड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा के सुभाष सरकार ने वर्ष 2019 में तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार सुब्रत मुखर्जी (दिवंगत) को एक लाख 74 हजार 333 मतों से हरा दिया था। भाजपा उम्मीदवार को छह लाख 75 हजार 319 मत मिले जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल में वरिष्ठ सदस्य रहे मुखर्जी को पांच लाख 986 वोट मिले।

88.74 फीसदी आबादी ग्रामीण

बांकुड़ा संसदीय क्षेत्र देश में हुए पहले लोकसभा चुनाव से ही अस्तित्व में है। इस संसदीय क्षेत्र में सात विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। यह क्षेत्र पुरुलिया, मेदिनीपुर, हुगली और बर्धमान जिलों से सटा हुआ है। बांकुरा संसदीय क्षेत्र पुरुलिया और बांकुरा जिले में आता है। 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की कुल आबादी 21,28,700 है। इसमें 88.74 फीसदी आबादी ग्रामीण है बाकी 11.26 फीसदी शहरी आबादी है।

TMC की मुनमुन सेन ने ध्वस्त किया कम्युनिस्टों का किला

2014 लोकसभा चुनाव में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की मुनमुन सेन ने कम्युनिस्टों का किला ध्वस्त कर दिया और यह सीट उनसे छीन ली। 2014 में यहां तृणमूल कांग्रेस को 2009 की अपेक्षा वोट प्रतिशत में तकरीबन 16 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। हालांकि 2019 में भाजपा ने यह सीट तृणमूल से छीन ली लेकिन राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी भी यहां कमजोर नहीं है।

मतदाताओं का आंकड़ा

इस पिछड़ी हुई लोकसभा सीट की कुल जनसंख्या 21 लाख 28 हजार 700 है। इनमें 88.74 फीसदी लोग ग्रामीण इलाकों में रहते हैं, जबकि 11.26 फीसदी लोग शहरी इलाकों में। यहां पर 29.12 प्रतिशत लोग अनुसूचित जाति के हैं, जबकि 17.17 प्रतिशत लोग अनुसूचित जनजाति के हैं। इस सीट पर कुल 15 लाख तीन हजार 812 लोगों का नाम मतदाता सूची में था। जिनमें सात लाख 75 हजार 893 पुरुष और सात लाख 27 हजार 919 महिलाएं थीं। पिछले चुनाव में यहां 82 फीसदी वोट पड़े यानी कुल 12 लाख 36 हजार 319 लोगों ने अपने मत का प्रयोग किया था।

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