
कोलकाता, 18 मई (हि. स.)। बंगाल में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए इससे निपटने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत कोरोना के हल्के लक्षण वाले रोगियों के लिए राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों को सेफ होम बनाने का निर्णय लिया है। इस बाबत राज्य शिक्षा विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर स्कूलों को अस्थाई तौर पर सेफ होम में बदलने के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है। इसमें स्कूलों को तत्काल सैनिटाइज करने सहित समुचित प्रबंध करने को कहा है। दूसरी ओर, राज्य सरकार ने प्रत्येक जिले के लिए हेल्पलाईन नंबर भी जारी किया है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने पहले ही विभिन्न स्टेडियमों व बंद अस्पतालों को सेफ होम बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। वहीं, लगातार बढ़ रहे नए मामले और विभिन्न हलकों से सवाल उठ रहे थे कि राज्य में इस समय कोरोना के चलते बंद पड़े सरकारी स्कूलों को सेफ होम के रूप में क्यों नहीं इस्तेमाल किया जा रहा है? महामारी में इतने सारे स्कूलों को सेफ होम के रूप में इस्तेमाल करने से स्थिति से निपटना थोड़ा आसान होगा। इसके मद्देनजर ही शिक्षा विभाग ने ये कदम उठाए हैं। दरअसल, राज्य में पीड़ितों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। कई मरीजों का अपने घरों में ही इलाज चल रहा है। छोटे घरों में यदि परिवार का एक सदस्य संक्रमित होता है, तो बाकी के संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सेफ होम की संख्या बढ़ाई जा रही है। स्कूलों ने सरकार के फैसले का किया स्वागत इधर, स्कूल संगठन से जुड़े एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक बहुत अच्छा निर्णय है। इस उद्देश्य के लिए निश्चित रूप से शैक्षणिक संस्थानों का उपयोग किया जा सकता है। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा