बालूरघाट लोकसभा सीट पर भाजपा के सुकांत मजूमदार के साथ तृणमूल व लेफ्ट का दमदार मुकाबला, जानें इस सीट का इतिहास

Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद देशभर में राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है।
Sukant Majumdar
Sukant Majumdarraftaar.in

कोलकाता, (हि.स.)। लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद देशभर में राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है। पश्चिम बंगाल में खासतौर पर सरकार में सरगर्मी तेज है क्योंकि विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के सभी 42 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। कई सीटें हाई प्रोफाइल हैं जहां दिलचस्प मुकाबला होगा। ऐसी ही एक सीट है बालूरघाट लोकसभा सीट। 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से भाजपा के टिकट पर सुकांत मजूमदार ने जीत हासिल की थी। फिलहाल वह बंगाल भाजपा के अध्यक्ष हैं और पार्टी की कई रणनीति को बनाने और अंजाम देने में दिन-रात लगे हुए हैं। यह क्षेत्र राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गढ़ माना जाता है और भाजपा का जनाधार अच्छा है।

किस पार्टी से कौन है चुनावी मैदान में

भाजपा में इस बार भी यहां से अपने मौजूदा सांसद और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार पर भरोसा जताया है। उनकी उम्मीदवारी का ऐलान हो चुका है और वह अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार अभियान में भी जुट गए हैं।

तृणमूल कांग्रेस की ओर से विप्लव मित्र को टिकट दिया गया है जो पार्टी के चर्चित नेताओं में से हैं। चूंकि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी है इसलिए बालूरघाट में भाजपा की मजबूत स्थिति के बावजूद तृणमूल भी कमजोर नहीं है। इसलिए दिलचस्प मुकाबले के आसार हैं।

वैसे कांग्रेस ने अभी यहां से उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है। वामदलों के साथ मिलकर कांग्रेस के चुनाव लड़ने के आसार हैं इसलिए वाममोर्चा में शामिल घटक दल आरएसपी ने उम्मीदवार उतारे हैं। आरएसपी की ओर से जयदेव चुनावी मैदान में हैं जो साफ-सुथरी छवि के नेता हैं लेकिन जनाधार बहुत बड़ा नहीं है।

क्या है लोकसभा क्षेत्र का इतिहास?

बालूरघाट लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पश्चिम बंगाल का महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है। इस लोकसभा क्षेत्र में सात विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। यह क्षेत्र दक्षिण दिनाजपुर जिले का एक शहर और मुख्यालय है। इस क्षेत्र में पाल और सेन राजवंशों का शासन रहा है। जिले भर में खुदाई के दौरान मिलीं प्राचीन वस्तुएं यहां की संस्कृति समृद्धता की गवाही देती हैं। क्षेत्र के बांगगढ़ में आज भी पुरानी इमारतें मौजूद हैं। यह क्षेत्र लंबे समय से रंगमंच में अपने विशिष्टता के लिए जाना जाता है। यह नाट्यचार्य मनमथा राय का जन्मस्थान है। यहां का श्रंगबारी फारेस्टन पर्यटकों का पसंदीदा पिकनिक स्पॉट है।

क्या रहा है राजनीतिक इतिहास?

इस सीट पर 2014 में तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी अर्पिता घोष ने जीत हासिल की थी। 2019 में भी अर्पिता घोष को ही तृणमूल ने टिकट दिया था। वहीं, कांग्रेस ने अब्दुस सादिक सरकार को टिकट दिया था। सीपीआई (एमएल) की ओर से मानस चक्रवर्ती मैदान में थे। हालांकि भाजपा के टिकट पर सुकांत मजूमदार ने जीत हासिल की थी।

यहां कुल मतदाता- 12 लाख 54 हजार 497 हैं। पुरुष वोटरों की संख्या- छह लाख 53 हजार 841 है।

अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in