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कोलकाता पुलिस आयुक्त का प्रभार संभालते ही बोले सोमेन मित्रा : शांतिपूर्वक चुनाव कराना प्राथमिकता

कोलकाता, 08 फरवरी (हि. स.)। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले कोलकाता पुलिस आयुक्त का प्रभार संभालने वाले सोमेन मित्रा ने अपनी प्राथमिकता बताई है। चुनाव के दौरान कोलकाता पुलिस की भूमिका के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हर एक चुनाव चुनौतीपूर्ण होता है और शांतिपूर्वक मतदान संपन्न कराना ही उनकी पहली प्राथमिकता है। सोमवार को निवर्तमान पुलिस आयुक्त अनुज शर्मा ने उन्हें चार्ज सौंपा जिसके बाद मित्रा ने मीडिया से बात की। उन्होंने कोलकाता पुलिस को देश के सर्वश्रेष्ठ बलों में से एक करार दिया और कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनके पेशेवर नेतृत्व में विधानसभा चुनाव सुचारू रूप से आयोजित होगा। वर्ष 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के अधिकारी मित्रा ने कहा कि वह शहर को सुरक्षित रखने और नागरिकों द्वारा अपने मताधिकार का सुरक्षित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे। लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि हर मतदान चुनौतीपूर्ण होता है। कोलकाता पुलिस के पेशेवर तरीके के साथ हम चुनाव का आयोजन सुचारू रूप से सुनिश्चित करने में सफल रहेंगे। मित्रा इससे पहले पश्चिम बंगाल पुलिस के एडीजी (प्रशिक्षण) का पद संभाल रहे थे। वर्ष 2016 में चुनाव आयोग ने राजीव कुमार के स्थान पर मित्रा को इस पद पर नियुक्त किया था। तब उन्होंने कोलकाता में बहुत ही शांतिपूर्वक तरीके से चुनाव कराया था और उनकी चौतरफा सराहना हुई थी। हालांकि, बाद में विधानसभा चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस सरकार ने मित्रा को हटाकर दोबारा कुमार को आयुक्त नियुक्त किया था। इसके बाद अनुज शर्मा को आयुक्त बनाया गया था। बंगाली सीपी के जरिए ममता ने दिया ठोस संदेश खास बात यह है कि कोलकाता पुलिस के आयुक्त के तौर पर सोमेन मित्रा की नियुक्ति से ममता बनर्जी ने बंगाली समुदाय को एक ठोस संदेश देने की कोशिश की है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि वरिष्ठता के तौर पर देखा जाए तो सोमेन मित्रा से अधिक सक्षम और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं जो कोलकाता पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्त किए जाने चाहिए थे। कोलकाता पुलिस आयुक्त का पद अमूमन हिंदी भाषी आईपीएस अधिकारी को ही सौंपा जाता है। इसकी वजह यह है कि महानगर में निवास करने वाले समुदाय का बड़ा हिस्सा हिंदी भाषी है और उद्योग तथा कारोबारियों का गढ़ होने के कारण यहां राजीव कुमार, अनुज शर्मा जैसे आईपीएस अधिकारियों को ही नियुक्त किया जाता रहा है। हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी ने बंगाली वर्सेस गैर बंगाली को मुद्दा बनाने की कोशिश की थी और माना जा रहा है कि इसी को बल देने के लिए सोमेन मित्रा को पुलिस आयुक्त बनाया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा-hindusthansamachar.in

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