कोलकाता, (हि.स.)। लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से आयोजित किए गए नए मतदाता सम्मेलन को रोकने का आरोप पुलिस पर लगा है।
बैनर पोस्टर, एलसीडी स्क्रीन और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर तोड़ने का भी आरोप पुलिस पर है
यहां तक कि कार्यक्रम के लिए लगाए गए बैनर पोस्टर, एलसीडी स्क्रीन और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर तोड़ने का भी आरोप पुलिस पर है। उत्तर कोलकाता भाजपा के अध्यक्ष सूरज सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशानुसार उत्तर कोलकाता में नए मतदाताओं से संपर्क के लिए नव मतदाता सम्मेलन का आयोजन किया गया था। तभी पोस्ता और आसपास के थानों की पुलिस बड़ी संख्या में आ पहुंची और कार्यक्रम को बंद करने का निर्देश दिया।
पुलिस तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रही है
हमने कहा कि राजनीतिक पार्टी होने के नाते यह हमारा अधिकार है लेकिन पुलिस ने एक न सुनी। वहां मौजूद भाजपा नेताओं को मारा पीटा, बैनर पोस्टर फाड़ दिए और वहां मतदान प्रक्रिया को समझने आए लोगों को भी भगा दिया । सूरज सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रही है और स्थानीय तृणमूल नेताओं के निर्देश पर ही आई है। इधर प्रशासन ने इस मामले में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है लेकिन सूत्रों ने बताया है कि बिना अनुमति कार्यक्रम का आयोजन किया गया था इसलिए पुलिस ने रोका है।
बंगाल पुलिस के कार्य पर हाई कोर्ट भी सवाल उठा चुकी है
बंगाल पुलिस के कार्य पर हाई कोर्ट भी सवाल उठा चुकी है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर पांच जनवरी को हुए हमले की जांच में ढुलमुल रवैये के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी। ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर उस समय हमला किया गया, जब उन्होंने राशन वितरण मामले के सिलसिले में पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के आवास पर छापेमारी और तलाशी का प्रयास किया।
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