नंदीग्राम चुनाव : हाई कोर्ट में ममता के वकील ने जज को सुनवाई से अलग होने की दी सलाह
कोलकाता, 24 जून (हि.स.)। राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान नंदीग्राम क्षेत्र में मतगणना में धांधली के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान ममता बनर्जी के वकील ने जज को ही सलाह दे डाली। दरअसल, गुरुवार को ममता बनर्जी की ओर से दायर याचिका पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायालय में जिरह के दौरान जज कौशिक चंद्रा से कहा कि आपकी तस्वीरें भाजपा नेताओं के साथ हैं। वकील रहते हुए आप भाजपा लीगल सेल के अध्यक्ष रहे हैं। इसलिए आप के आदर्श, पेशागत समर्पण और व्यक्तिगत संबंध पार्टी की नीतियों से रहे हैं। इसलिए आप के कोर्ट में मामले की सुनवाई होने के दौरान पक्षपात होने की संभावना रहेगी। इस पर जज चंद्रा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी संगठन आधारित दल है। इसमें किसी को लीगल सेल का प्रमुख बनाया जाना, उसकी बेहतरीन क्षमता को दर्शाने वाला है। आपने जो मामला पेश किया है, उसके दो पहलू हैं। एक प्रशासनिक और दूसरा कानूनी। दोनों में से किस मामले को लेकर सुनवाई की जानी चाहिए, यह तय किए जाने की जरूरत है। पूरी सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी वर्चुअल जरिए से कोर्ट में हाजिर रहीं। उनके सामने ही जज और उनके वकील के बीच बहस हो रही है। अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रशांत किशोर, डेरेक ओ ब्रायन समेत कई अन्य लोगों का जिक्र करते हुए कहा कि सैकड़ों लोगों ने भाजपा नेताओं के साथ आपकी तस्वीरें साझा की हैं। आपको इस मामले से अलग हो जाना चाहिए। इस पर न्यायमूर्ति ने कहा कि आपको जब हमारे न्यायालय में सुनवाई से आपत्ति थी तो पहली बार ही जब सुनवाई के लिए मामला पिछले सप्ताह आया था, तभी बतानी चाहिए थी। अब आपने मुख्य न्यायाधीश के पास मामले को ट्रांसफर करने की अपील की और मामले को दूसरे अदालत में ट्रांसफर करने की मांग की लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब आपके पास क्या ऑप्शन बचा है? खबर लिखे जाने तक मामले की सुनवाई चल रही है। ममता बनर्जी ने अभी तक कुछ नहीं बोला है। उल्लेखनीय है कि नंदीग्राम में हार को लेकर ममता ने धांधली का आरोप लगाया है और पुनः मतगणना की मांग पर चुनावी याचिका लगाई है। इसमें उनको हराने वाले भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी को नामजद किया है। इस मामले में गत शुक्रवार को पहली सुनवाई हुई थी। उस दिन न्यायमूर्ति कौशिक चंद्रा ने कहा था कि चुनावी याचिका में याचिकाकर्ता को नियमानुसार कोर्ट में हाजिर होना पड़ता है। मुख्यमंत्री को भी हाजिर होना पड़ेगा। उसके बाद सुनवाई के लिए 24 जून की तारीख मुकर्रर की गई थी। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश