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लगातार बारिश से सब्जी समेत कई फसल बर्बाद, किसानों को भारी नुकसान

बांकुड़ा, 22 जून (हि. स.)। यास चक्रवात के बाद लगातार हो रही बारिश से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश के कारण बांकुड़ा जिले में सब्जी और अनाज के खेतों में पानी भर गया है। बारिश से खेत में पानी जमा हो गया है और सब्जी के पौधे सड़ने लगे हैं। इस बीच मंगलवार को पानी कम होने लगा तो देखा गया कि पूरे जिले की तस्वीर लगभग एक जैसी ही थी। जिले के ओनंदा माजडीहा, निकुंजपुर ओला आदि समेत विभिन्न इलाकों में हुई व्यापक नुकसान से किसानों स्थिति सोचनीय है। मेजिया ब्लॉक में दामोदर नदी पर मनाचर की सबसे ज्यादा दयनीय स्थिति है। इनमें सोनाईचंडीपुर के किसानों ने सैकड़ों एकड़ जमीन पर बादाम की खेती की थी। जैसे ही पानी कम हुआ किसान बादाम के खेत को देखने दौड़े। देखा गया कि सभी कृषि योग्य फसलें बर्बाद होने लगी हैं। जमे हुए पानी में बादाम सड़ने लगे हैं। किसान आनन-फानन में बचे हुए फसलों को खेत से निकालने का प्रयास कर रहे हैं। दरअसल अधिकांश किसानों ने महाजनों से कर्ज लेकर खेती की है। ऐसे में किसान परेशान हैं कि अब वे कर्ज कैसे चुकाएंगे। पश्चिम बंगाल सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों के लिए फसल बीमा करवाया है। लेकिन किसान नारायण विश्वास ने कहा कि यहां के किसानों को फसल बीमा के अंर्तगत नहीं आ सकते हैं, क्योंकि उन्हें भले ही उनके घर की जमीन का पट्टा मिल गया हो, लेकिन उन्हें अभी तक जरूरी दस्तावेज नहीं मिले हैं। उल्लेखनीय है कि यहां मेजिया ब्लॉक के मनाचर इलाके में कुछ बांग्लादेशी शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं। इसलिए भले ही वे यहां लंबे समय से रह रहे हों, लेकिन उन्हें कोई जमीन की दलील या दस्तावेज नहीं मिला है। इसलिए उन्हें फसल बीमा नहीं मिलेगा। प्रभावित किसान सुफल विश्वास ने कहा कि उन्होंने पिछले फाल्गुन महीने के मध्य में 16 हज़ार रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बीज खरीद कर बादाम की खेती की थी। इसकी प्रति बीघा पर 25 से 30 हजार रुपये खर्च हुए हैं। लेकिन तेज बारिश में सारी फसल बर्बाद हो गई। हीरेंद्रनाथ तालुकदार ने बताया कि इस इलाके के करीब 90 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर हैं। कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से क्षेत्र के किसानों की स्थिति सोचनीय है। वे बारिश में भारी आर्थिक नुकसान के शिकार हुए हैं। ऐसे में परिवार कैसे चलाया जाए यह बड़ी चिंता का विषय है। इस बारे में मेजिया ब्लॉक के कृषि अधिकारी शुभेंदु घोष ने कहा कि बादाम की खेती के नुकसान के बारे में किसानों द्वारा दिए गए बयान का अवलोकन करने के बाद इसकी एक पूरी रिपोर्ट तैयार कर जिला कृषि विभाग को भेजी जाएगी। इसके बाद मुआवजा उच्च अधिकारियों द्वारा तय किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/सुगंधी/गंगा

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